पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड इनवरन्मेंट (सीएसई) का कहना है कि यदि नीतिगत सुधार जल्द नहीं किये गये तो भारत वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य से चूक सकता है। सीएसई की ‘स्टेट ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी इन इंडिया 2019’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है ‘‘भारत ने पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर 73 गीगावाट पर पहुँच गयी है जो देश की कुल ऊर्जा क्षमता का 20 प्रतिशत है।
विशेषकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में लंबी छलाँग लगाई है। लेकिन, यदि नीतिगत कमियों को शीघ, दूर नहीं किया गया तो वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा।’’ यह रिपोर्ट नवीकरणीय ऊर्जा पर सीएसई द्वारा यहाँ आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जारी की गयी। सम्मेलन की शुरुआत करते हुये सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा ‘‘हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था में कार्बन-उत्सर्जन कम करने तथा ऊर्जा से वंचित लाखों लोगों को ऊर्जा मुहैया कराने के लिए भारत में नवीकरणीय ऊर्जा नीति बनाने की जरूरत है।