भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रुचि घनश्याम वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायुक्त हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और अनेक विषयों को लेकर वे काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि भविष्य में दोनों देश एक-दूसरे के साथ साझेदारी से कई क्षेत्रों में मिसाल बन सकते हैं। यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर गए पंजाब केसरी के मेट्रो एडिटर सतेन्द्र त्रिपाठी ने रुचि घनश्याम से लंदन में विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश :
भारत और यूनाइटेड किंगडम के आपसी संबंधों को लेकर आपकी क्या राय है?
भारत और यूके बीच अच्छे रिश्ते हैं और दोनों देशों की गहरी मित्रता है। हमारी कई विषयों पर साझेदारी है और मिलकर दोनों देश काम कर रहे हैं। केवल राजनीतिक संबंध ही बेहतर नहीं हैं, बल्कि अलग-अलग दिशाओं में हमारा काम चल रहा है। तकनीक, कारोबार, रिसर्च, विश्वविद्यालय, शिक्षा हर प्रकार के क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है। यहां योग और आयुर्वेद में भी लोगों की दिलचस्पी शुरू हुई है। इस पर एक काम शुरू हुआ है, गत वर्ष अप्रैल माह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम की यात्रा के दौरान इसका शुभारंभ किया गया था।
भारत से छात्र-छात्राएं यूनाइटेड किंगडम आते हैं, आप उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगी?
मैं सबसे जरूरी पहले यह बात कहना चाहूंगी कि भारतीय उच्चायोग हमेशा उनके लिए मौजूद है। उनकी कोई भी समस्या है तो वे तुरंत हमसे संपर्क कर सकते हैं। यहां पब्लिक रेस्पांस यूनिट के नाम से स्पेशल यूनिट बनाई गई है। इसके फोन नंबर दिए गए हैं और इमरजेंसी की सूरत में कभी भी किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है। हम उनकी मदद करने की हर संभव कोशिश करते हैं।
21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर क्या कहना चाहेंगी?
मैं बस यही कहना चाहूंगी कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस वैश्विक स्तर पर विशेष स्थान प्राप्त कर चुका है। यूनाइटेड किंगडम में भी इसकी अमिट छाप देखने को मिलती है और सभी अनुशासन से एकसूत्र में बंधे दिखते हैं। योग का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार होना भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में सार्थक कदम है।
यूनाइटेड किंगडम से आखिर हमें क्या सीखना चाहिए?
हम यहां से बहुत कुछ सीख सकते हैं क्योंकि जिस तरह की यहां रिसर्च हो रही है। बिजनेस इंडस्ट्री सोसायटी किस तरह से ट्रांसफोर्म हो सकती है। ये भारत के लिए तो बहुत ही जरूरी है। क्योंकि इस समय दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है। आज हमें लग रहा है कि कोई चीज महत्वपूर्ण है, लेकिन मालूम होगा कि देखते ही देखते वह चीज ही पूरी तरह से बदल जाएगी।
दरअसल, तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है और यूनाइटेड किंगडम से भारत को तकनीक में बहुत कुछ हासिल हो सकता है। दोनों देशों को तकनीक के मामले में एक-दूसरे के साथ काम करने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दोनों की साझेदारी हो सकती और एक-दूसरे से सीखा जा सकता है। मुझे ऐसा लगता है कि तकनीक के मामले में हम एक-दूसरे से काफी कुछ आदान-प्रदान कर सकते हैं।