सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने उत्तराखंड के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसफ और सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक कॉलेजियम द्वारा गुरुवार को कानून मंत्रालय के पास नाम की सिफारिश भेजी गई है।
अगर वरिष्ठ एडवोकेट इंदु मल्होत्रा के नाम को सरकार अगर हरी झंडी दे देती है तो वे पहली ऐसी महिला वकील होंगी जो सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज की कुर्सी तक पहुंचेंगी। वे स्वतंत्र भारत में सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज होंगी। जानकारी के मुताबिक कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने अन्य जजों के साथ मिलकर इन दो नामों का चयन किया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जे चल्मेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ के चयन मंडल (कॉलेजियम) ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा के नाम को भी मंजूरी दी।
गौरतलब है कि जस्टिस के एम जोसफ ने ही हाईकोर्ट में रहते हुए 21 अप्रैल 2016 को उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को रद्द किया था। आपको बता दें कि मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में तय 31 जज के पदों में से फिलहाल 25 जज हैं। अभी भी 6 जजों के पद खाली हैं।
SC में पहली जज थी फातिमा बीवी
सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाली पहली महिला जज फातिमा बीवी थीं। वे 1989 में जज बनीं थी। इसके बाद जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई शीर्ष न्यायालय में पहुंच चुकी हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति सुप्रीम कोर्ट की इकलौती महिला जज हैं।
जस्टिस एके सिंह को स्थायी किया
कोलेजियम ने इसके साथ ही हाईकोर्ट के पांच जजों को स्थायी भी कर दिया है। इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसके सिंह शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त सभी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं।
अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ