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दिल्ली में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों को राहत देने के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने रूपांतरण योजना 2005 के दायरे में औद्योगिक भूखंडों को भी शामिल किया है। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल ने कई शर्तों के साथ विस्तार के प्रस्ताव को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दी।
इसमें कहा गया कि इस कदम से 1998 की पुनर्वास योजना के तहत डीएसआईआईडीसी द्वारा आवंटित किए गए औद्योगिक भूखंडों को 'लीजहोल्ड' से 'फ्रीहोल्ड' में बदलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस फैसले से लगभग 22,000 औद्योगिक इकाइयों या भूखंडों को सीधे लाभ होगा, जिन्हें 2000-2001 में दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने स्थानांतरित किया था।
यह फैसला दिल्ली के उन उद्यमियों की मांग को देखकर लिया गया, जिन्हें इन भूखंडों को बेचने या हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं थी। भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति केवल उन औद्योगिक भूखंडों के मामले में दी जाएगी, जो मूल आवंटी के कब्जे में हैं और जहां भवन का निर्माण पूरा हो चुका है।