केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच के एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, आज भी अनुच्छेद 370 और कश्मीर को लेकर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं। उन्हें स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है। हम जानते हैं कि 1947 से कश्मीर चर्चा और विवाद का विषय रहा है लेकिन विकृत इतिहास लोगों के सामने पेश किया गया।
उन्होंने कहा, इतिहास लिखने की जिम्मेदारी उन्हीं लोगों के हाथों में थी, जिन्होंने गलतियां की थीं, इसलिए परिणामस्वरूप सच्चे तथ्य छिपे थे। मुझे लगता है कि समय आ गया है कि लोगों के सामने सही इतिहास लिखा और प्रस्तुत किया जाए। कश्मीर में सूफी संतों की संस्कृति नष्ट हो गई, ये मानवाधिकार के चैंपियन कहाँ थे? जब कश्मीरी पंडितों को इस क्षेत्र से बाहर निकाल दिया गया तो वे कहां थे? धारा 370 की वजह से कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा है।
अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 का कोई फायदा नहीं हुआ है बल्कि नुकसान ही हुआ है। सबसे बड़ा नुकसान हुआ है कि वहां भ्रष्टाचार हुआ। हर राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो है लेकिन कश्मीर में ऐसा कोई ब्यूरो नहीं है क्योंकि उसके ना होने से भ्रष्टाचार आसानी से हो सकता था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कश्मीर को दो लाख 77 हजार करोड़ रुपये दिया गया थे लेकिन वो पैसा कहां गया। जबकि किसी कश्मीरी के घर में ना तो बिजली पहुंची और ना ही पानी पहुंचा।
अमित शाह ने कहा, सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न, ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं। पर हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया। 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी।
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उन्होंने कहा, आज मैं आदर के साथ देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता। सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है।
अमित शाह ने कहा कि जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि ये राजनीतिक स्टैंड है उनको मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से मेरी पार्टी बनी। ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ बोलते नहीं है हमनें इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए, जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए जिसमें मास मोबिलाइजेशन भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने किया था।
उन्होंने कहा, हमने सुनिश्चित किया कि पंचायत चुनाव जम्मू और कश्मीर में हों, जिसके बाद 40,000 ग्राम प्रधान विकास के लिए काम कर रहे हैं। अगले 4-5 दिनों में तहसील और जिला पंचायत चुनाव होंगे। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली पूरी तरह कार्यात्मक होगी। जवाहरलाल नेहरू के असामयिक युद्धविराम की घोषणा के कारण पीओके का निर्माण हुआ। 1948 में संयुक्त राष्ट्र को स्थानांतरित करने का उनका निर्णय एक हिमालयी गलती थी। हिमालय से बड़ी गलती। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में मामले को संदर्भित करने के लिए गलत चार्टर का चयन करके एक और गलती की।