नई दिल्ली : बीजेपी नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली न केवल पार्टी में बल्कि विपक्ष में भी अच्छी पकड़ रखते थे। अरुण जेटली अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों को वैसा ही सम्मान देते थे जैसा वह किसी वरिष्ठ नेता या फिर परिवार के किसी सदस्य को दिया करते थे। अपने घर पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानते थे। यही कारण है कि उनके साथ जुड़ा हर एक शख्स उनसे काफी प्यार किया करता था।
सच तो यह है कि अरुण जेटली के घर पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चे उसी स्कूल में पढ़ा करते थे जहां पर खुद जेटली के बच्चों ने पढ़ाई की थी। ये स्कूल चाणक्यपुरी स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल है। यही नहीं अगर किसी कर्मचारी का बच्चा विदेश में पढ़ाई करने का इच्छुक होता था तो उसे विदेश में उसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने भेजा जाता था, जहां खुद उनके बच्चों ने पढ़ाई की थी। इन सभी कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी जेटली ही उठाया करते थे।
बताया जाता है कि जेटली के परिवार के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने वाले जोगेंद्र की दो बेटियों में से एक लंदन में पढ़ रही हैं। संसद में जेटली के साथ हर समय साए की तरह रहने वाले सहयोगी गोपाल भंडारी का एक बेटा डॉक्टर है जबकि दूसरा इंजीनियर है। जिन कर्मचारियों के बच्चे एमबीए या कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते थे, उनके लिए अरुण जेटली फीस से लेकर नौकरी तक की व्यवस्था करते थे।
सहायक के बेटे को गिफ्ट में दे दी थी कार
अरुण जेटली आर्थिक तंगी में भी पढ़ने वाले बच्चों से बेहद प्रभावित होते थे। जब कभी भी वह किसी ऐसे प्रतिभावान बच्चे को देखते तो उसकी हर मुमकिन मदद करने की कोशिश में जुट जाते थे। साल 2005 में उन्होंने अपने सहायक रहे ओपी शर्मा के बेटे चेतन को लॉ की पढ़ाई के दौरान अपनी 6666 नंबर की एसेंट कार गिफ्ट कर दी थी।