लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दिल्ली में राजनीति की धुरी थे जेटली

अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति से अपना सफर शुरू कर संसद तक का सफर तय किया।

नई दिल्ली : अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति से अपना सफर शुरू कर संसद तक का सफर तय किया। जेटली मजबूत पकड़ रखने वाले छात्र नेता, नामी वकील और कुशल राजनेता के रूप में स्थापित होकर भाजपा और देश में अपनी अमिट छाप छोड़कर चले गए। दिल्ली की राजनीति में उनका अहम स्थान था। चाहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम तय करना हो या फिर दिल्ली में लोकसभा व विधानसभा चुनाव के टिकटों को लेकर नाम तय करने का मसला हो, हर मसले पर जेटली की राय अहम होती थी। 
जेटली दिल्ली छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद पहले प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष बने थे। बताया जाता है कि आपातकाल हटने के बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारने का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन उम्र 25 वर्ष से कम होने की वजह वे चुनाव नहीं लड़े थे। दिल्ली में विशेषकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से निकले युवा नेता या वहां से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले छात्र नेताओं से जेटली का विशेष लगाव रहता था। वे अपनी दूरदर्शिता के चलते अगली पीढ़ी के नेता की पहचान करने में सक्षम थे और हमेशा ऐसे नेताओं को आगे बढ़ने का मौका देते थे।

1566706781 jaitley

 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अनेक छात्र नेताओं का उन्होंने भविष्य संवार दिया। यही नहीं बताते हैं कि दिल्ली भाजपा अध्यक्षों में विजेन्द्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय को दिल्ली का जिम्मा सौंपने में उनकी अहम भूमिका रही थी। जानकारों की माने तो दिल्ली में एक समय जब मदन लाल खुराना, केदारनाथ साहनी और प्रो. विजय कुमार मलहोत्रा की तिगड़ी होती थी तो उस समय से ही अरुण जेटली उभरता चेहरा बनने वालों में शामिल हो चुके थे। लंबे समय तक उन्होंने तिगड़ी के बाद दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका भी निभायी। 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को टिकट दिलाने वाले एकमात्र अरुण जेटली ही थे। 
उन्हीं के मार्गदर्शन में गंभीर ने भाजपा ज्वाइन की थी। नई दिल्ली से ताल नहीं बैठने पर जब पूर्वी दिल्ली से गंभीर को टिकट दिया गया तो वे कुछ बेचैन भी हुए कि आखिर वहां से चुनाव को कैसे जीता जाएगा। ऐसे में अरुण जेटली ही थे जिन्होंने गंभीर का चुनाव न उठने पर अपनी मजबूत टीम देकर उनके चुनाव की नैया पार लगाई थी। उन्होंने गंभीर से दमदार अंदाज में पहले ही कह दिया था कि, ‘गंभीर चुनाव की फिक्र न करो, यह तुम्हारा नहीं मेरा चुनाव है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।