कोट्टायम/कोच्चि (केरल) : केरल में एक नन के कथित बलात्कार के आरोपों की जांच का सामना कर रहे बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने जालंधर डायोसीस की अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी एक वरिष्ठ पादरी को सौंप दी है। वहीं, कैथोलिक पादरियों के एक समूह ने विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों द्वारा नन के लिए न्याय की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया।
बिशप मुलक्कल ने एक सर्कुलर में कहा, “मेरी अनुपस्थिति में मोन्साइनोर मैथ्यू कोक्कन्डम सामान्य रूप से ही डायोसीस का प्रशासन देखेंगे।” यह सर्कुलर 13 सितंबर को जारी किया गया। इससे एक दिन पहले केरल पुलिस ने 19 सितंबर को उन्हें जांच टीम के समक्ष पेश होने को कहा था।
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मुलक्कल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस पर बढ़ रहे दबाव के बीच बिशप को समन भेजने का फैसला पुलिस महानिरीक्षक (एर्णाकुलम रेंज) सखारे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में कोट्टायम जिला पुलिस अधीक्षक हरिशंकर और वायकॉम के पुलिस उपाधीक्षक के.सुभाष भी शामिल थे।
सर्कुलर में बिशप ने कहा कि मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एकत्रित किए गए सबूतों में “बहुत से विरोधाभास’’ हैं।
सर्कुलर की एक प्रति यहां मीडिया को उपलब्ध कराई गई।
नन ने हाल ही में न्याय के लिए वेटिकन के तत्काल हस्तक्षेप और जालंधर डायोसीस के प्रमुख के पद से उसको हटाए जाने की मांग की थी।
नन ने आरोप लगाया कि अपने खिलाफ चल रहे मामले को दबाने के लिए बिशप मुलक्कल द्वारा “राजनीतिक और पैसों की ताकत” का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोच्चि में प्रदर्शन कर रहीं पांच ननों में से एक ने कहा, ‘‘साथी ननों को न्याय मिलने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।’’ बिशप मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों के प्रदर्शन को शनिवार को आठ दिन हो गए। कैथोलिक पादरियों का एक समूह शक्तिशाली बिशप इकाई के रुख का उल्लंघन कर उनसे मिला और मामले में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन के लिए अपना समर्थन जताया।
केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (के सी बी सी) ने ननों के प्रदर्शन की यह कहकर निन्दा की है कि यह ‘‘सभी सीमाओं को पार कर चुका है।’’
इस बीच, केरल पुलिस ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के साथ पीड़िता की तस्वीर लगाने के मामले में जालंधर स्थित संस्था मिशनरीज ऑफ जीसस को बलात्कार रोधी कानून के कथित उल्लंघन को लेकर नोटिस जारी करने का फैसला किया है।
संस्था ने नन के आरोपों की जांच करने वाले आयोग की जांच रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित कराने के लिए प्रेस विज्ञप्ति के साथ पीड़िता की तस्वीर भी लगा दी थी। आरोपी बिशप ने आरोपों को निराधार और मनगढ़ंत करार दिया है।