राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के नजदीक विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला प्रदर्शनकारियों एवं पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता पर चिंता जताई।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक को अलग से नोटिस भेज मामले में कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। एक नोटिस में कहा गया, ‘‘ खबर है कि कथित तौर पर पुरुष पुलिस अधिकारियों ने महिला प्रदर्शनाकरियों को पीटा और यहां तक कि उनका यौन उत्पीड़न किया। यह भी आरोप है कि छात्राओं को पीटने से पहले बत्तियां बुझा दी गई ताकि सीसीटीवी में घटना रिकॉर्ड नहीं हो।’’ हालांकि, इस नोटिस में विशेष रूप से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का उल्लेख नहीं किया गया है।
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शर्मा ने कहा, ‘‘ आयोग इस घटना और पुलिस बर्बरता की खबर को लेकर चिंतित हैं । हालांकि यह पुलिस की जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह लोक व्यवस्था कायम रखे, अपराध रोके और अपराधों पर आयोग के लिए मौके कम करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं आपसे विनम्र निवदेन करती हूं कि मामले में उचित कार्रवाई करें और आयोग को यथाशीघ्र मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दें।’’
एक अन्य नोटिस में आयोग ने कहा कि उसे ईमेल के जरिये पत्रकार से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया गया है कि जामिया मिल्लिया के छात्रों का प्रदर्शन कवर करने के दौरान पुलिस कर्मी ने उसे मारा और उसका उत्पीड़न किया। आयोग ने रेखांकित किया कि वह महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर चिंतित है और शर्मा ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से इस मामले में हस्तक्षेप करने और विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा है।