नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की सर्दी में इस बार लोगों ने जमकर जाम छलकाएं हैं। दिल्ली वाले इस दिसंबर में करीब एक हजार करोड़ की शराब पी गए। आबकारी विभाग के पास उत्पाद ड्यूटी के रूप में आए राजस्व का आकलन करें तो यह पिछले सााल की अपेक्षा एक प्रतिशत अधिक है।
इस बार दिसंबर में आबकारी विभाग को राजस्व के रूप में कुल 465 कराेड़ मिले हैं। जो पिछले साल यानी 2018 के दिसंबर के माह से एक फीसद अधिक है। यानी पिछली बार दिसंबर में शराब से 460 कराेड़ का राजस्व मिला था। आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार शराब पर टैक्स करीब 48 फीसद होता है।
इस लिहाज से इस दिसंबर में करीब एक हजार करोड़ की शराब की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि यह रिकॉर्ड आबकारी विभाग नहीं रखता है। विभाग केवल इस बात का रिकॉर्ड रखता है कि उसे उत्पाद ड्यूटी के रूप में कितना राजस्व मिला है। दिसंबर में शराब से राजस्व बढ़ता है।
जानकारों का कहना है कि इस बार दिसंबर में शराब से टैक्स की 485 करोड़ तक की उम्मीद थी। मगर गत 11 दिसंबर को 120 डिपार्टमेंटल स्टाेर बंद कर देने के फैसले के बाद से इन स्टोर के लिए बीयर और वाइन का कोई भी परमिट जारी नहीं हुआ।
इससे पहले करीब एक दिसंबर से 10 दिसंबर तक इन स्टोर पर बीयर और वाइन से करीब पांच करोड़ का टैक्स आया था। इन स्टोर पर कुल मिलाकर अन्य महीनों में करीब 15 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री होती थी। जबकि दिसंबर में करीब 25 करोड़ कर आता था। यह कर नहीं बढ़ सका है।