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जावड़ेकर ने प्रदूषण पर तीन बैठकें कीं स्थगित : मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ तीन बैठकें स्थगित करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि या तो उनके पास समय नहीं

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ तीन बैठकें स्थगित करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि या तो उनके पास समय नहीं है या वह राष्ट्रीय राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता को सुधारने को प्राथमिकता नहीं समझते। 
सिसोदिया का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब जावड़ेकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे का ‘‘राजनीतिकरण’’ करने और पंजाब एवं हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को ‘‘खलनायक’’ की तरह पेश करने का आरोप लगाया है। दरअसल, केजरीवाल ने स्कूली छात्रों से पराली जलाने के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के लिए कहा था। इसके एक दिन बाद जावड़ेकर ने इसे लेकर केजरीवाल की शनिवार को निंदा की। 

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सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पहली बैठक 12 सितंबर को रद्द की गई, दूसरी बैठक 17 अक्टूबर को रद्द की गई और तीसरी बैठक 19 अक्टूबर को रद्द की गई। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं कि किन राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठकें रद्द की गईं।उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं कि दिल्ली के लोग कब तक इस जहरीली हवा में सांस लेते रहेंगे। या तो उनके पास समय नहीं है या वह राष्ट्रीय राजधानी की खराब वायु गुणवत्ता को सुधारना प्राथमिकता नहीं समझते।’’ 
सिसोदिया ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में किसानों के पास पराली के निपटान का कोई माध्यम नहीं है और यही कारण है कि वे पराली जलाने के लिए बाध्य हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र ने दो साल में (पराली जलाने से रोकने के लिए) 63,000 मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इससे 26 लाख किसानों को कैसे लाभ होगा? इस गति को देखा जाए तो क्या यह 50-60 साल का कार्यक्रम है? 
यदि ऐसा है तो दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आगामी 50-60 साल तक क्या करना चाहिए?’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि इन मशीनों को चलाने की लागत इतनी ज्यादा है कि जिन किसानों के पास ये मशीनें हैं, वे भी पराली जलाने को ही प्राथमिकता देते हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली दीपावली के बाद से बेहद खतरनाक वायु गुणवत्ता की समस्या से जूझ रही है। शहर में शुक्रवार को सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। 

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