गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्ट्रर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमज़ोर पड़ता नजर आ रहा है। गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ किया है कि वह इस स्थान को खाली नहीं करेंगे। इस बीच राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी किसानों को समर्थन देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।
राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि, हम स्थान को खाली नहीं करेंगे। हम अपने मुद्दों के बारे में भारत सरकार से बात करेंगे। मैं लोगों से शांतिपूर्ण रहने का आग्रह करता हूं। टिकैत को 26 जनवरी की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की एफआईआर में नामित किया गया है। टिकैत ने ‘किसान गणतंत्र परेड’ के दौरान भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
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बॉर्डर पर पहुंचे जयंत चौधरी ने कहा, आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी। प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें। उन्हें अपना विश्वास हासिल करने की आवश्यकता है।
जयंत चौधरी ने कहा कि किसान नहीं चाहते है कि वो यहां बैठा रहे। किसान इस मुद्दे पर हल निकालने के लिए यहां आया है। जयंत चौधरी ने कहा कि मेरी रणनीति वहीं जो किसानों की इच्छा होगी, जो यहां बैठे किसना तय करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सभी पार्टी इस मुद्दे पर अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रही है। कुछ संसद के अंदर कर रही है तो कुछ संसद के बाहर कर रही है।
उन्होंने कहा, सरकार को सोचना चाहिए कि उन्हें पांच साल का लाइसेंस मिला है हमेशा के लिए वोट नहीं मिली है। कहा कि मैं अब यहां से बड़ौत जाऊंगा, क्योंकि वहां भी किसानों पर बल प्रयोग हुआ है। बिजली पानी काटने के सवाल पर जयंत ने कहा कि आपको याद होगा कि तुगल रोड पर बिजली काटी गई थी। किसान बहुत कुछ झेलता है यह भी झेल लेगा।
गुरुवार दोपहर को गाज़ीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स की भारी तैनाती की गई थी, हालांकि देर रात को सुरक्षाबलों की संख्या को कम किया गया। बीती रात को एक बजे टिकैत अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन स्थल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर डटे रहे। इस स्थान को दोनों ओर से बंद किया गया है तथा यहां सामान्य यातायात बाधित हो गया है। यूपी गेट पर करीब 500 प्रदर्शनकारी हैं तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से यहां और किसान आ रहे हैं।