देश में बहुचर्चित रहे जेसिका लाल की हत्या मामले में लगभग दो दशक के बाद उनकी बहन सबरीना ने दोषी मनु शर्मा को माफ कर दिया है। उनका यह बयान इस मामले में दोषी ठहराए गए मनु शर्मा द्वारा जेल में करीब 15 साल बिताने और इस दौरान ‘अच्छे आचरण’ के आधार पर जल्द रिहाई के लिए अनुरोध किए जाने की संभावनाओं के बीच आया है। बता दें कि मॉडल जेसिका की हत्या में मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
हालांकि, सबरीना का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन की जान लेने वाले शख्स को दिल से माफ कर दिया है और अगर उसे सजा में रियायत मिलती है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। सबरीना ने जनकल्याण अधिकारी को भेजे अपने पत्र में लिखा, ‘मुझे बताया गया है कि जेल के अंदर वह काफी चैरिटी के काम कर रहा है और साथी कैदियों की भी मदद करता है। मुझे लगता है कि यह सुधरने के संकेत हैं।’ पिछले महीने सेंट्र जेल नंबर 2 के जनकल्याण अधिकारी को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा, ‘मैं यह बताना चाहूंगी कि मुझे उनकी रिहाई से कोई परेशानी नहीं है और यह सच है कि उसने अपनी जिंदगी के 15 साल जेल की सलाखों के पीछे ही बिताए हैं।’
पत्र लिखने की पुष्टि करते हुए सबरीना ने बताया, ‘वह अपनी सजा काट रहा है और मैं इन सबको अब खत्म करना चाहती हूं। अपने दिमाग में मैंने उसे माफ कर दिया है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे सब कुछ से खाली होकर किसी को माफ कर देना और जिंदगी में आगे बढ़ना। मैं भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहती हूं।’ सबरीना कहती हैं कि मैं अब कोई और गुस्सा और नफरत अपने दिल में नहीं रखना चाहती हूं। मुझे लगता है कि उसने अपनी सजा काट ली है और अब मैं इन सब परिस्थितियों में और अधिक नहीं उलझना चाहती हूं। सबरीना जोर देकर कहती हैं कि वह अब और अधिक गुस्से में नहीं जीना चाहतीं।
गुड़गांव में रह रही सबरीना ने जेल कल्याण अधिकारी की तरफ से पीड़ित कल्याण फंड से मिलनेवाली राशि लेने से भी इनकार कर दिया। सबरीना ने कहा कि उन्हें इस पैसे की जरूरत नहीं है और यह पैसा किसी ज्यादा जरूरतमंद शख्स तक पहुंचा दिया जाए। जेसिका की 29 अप्रैल, 1999 को दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रेस्टोरेंट टैमरिंड कोर्ट में यह वारदात हुई थी, जहां डिजाइनर बीना रमानी की ओर से एक निजी पार्टी आयोजित की गई थी। इसी दौरान जेसिका ने जब नियत समय के बाद ड्रिंक देने से मना कर दिया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में सिद्धार्थ वशिष्ठ को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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