नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में विद्यार्थियों का आंदोलन जारी है। बीते एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी विद्यार्थी अपनी मांगों से पीछे हटने के मूड में फिलहाल दिखाई नहीं दे रहे हैं। जेएनयू में पढ़ाई ठप है, विद्यार्थी शैक्षणिक गतिविधियां जैसे असाइनमेंट व परीक्षा आदि का बहिष्कार करने के मूड में हैं।
दरअसल इस संदर्भ में विश्वविद्यालय आम सभा (यूजीबीएम) में चर्चा की गई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थी हड़ताल जारी रखेंगे। गुरुवार को जेएनयू छात्र संघ की ओर से जारी एक बयान के अनुसार चार दिसंबर को आयोजित हुई यूजीबीएम में सभी विद्यार्थियों ने एक मत से निर्णय किया कि जब तक जेएनयू प्रशासन छात्रावास की नई नियमावली और शुल्क बढ़ोतरी को वापस नहीं लेता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों की देरी के लिए जेएनयू प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। छात्रों के हित में उनके लिए राहत भरा फैसला किया जाए। उन्हें छात्र संघ के चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए, हम अपनी-अपनी कक्षाओं में जाने को तैयार हैं।
नौ दिसंबर को पदयात्रा… उधर यूजीबीएम में यह भी निर्णय किया गया कि अगामी 9 दिसंबर को विश्वविद्यालय से राष्ट्रपति भवन तक ‘शिक्षा बचाओ’ पदयात्रा निकाली जाएगी। बाद में विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रपति को अपनी मांगों का पत्र सौंपेंगे। यूजीबीएम में यह फैसला भी किया गया कि अन्य विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर सस्ती और सुलभ शिक्षा का आंदोलन आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए आईआईटी, आईआईएमसी, आंबेडकर विश्वविद्यालय आदि को आंदोलन से जुड़ने के लिए कहा गया है।
फीस वृद्धिः आईआईएमसी का प्रदर्शन जारी…
उधर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के विद्यार्थियों का भी फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों से 8 दिसंबर को संस्थान परिसर पहुंचने की अपील की है ताकि संस्थान को बचाया जा सके।