जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बीते दिनों हुए घटनाक्रम को लेकर पूर्व कुलपति सुधीर कुमार सोपोरी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा की मुझे 25 वर्षों से अधिक जेएनयू में काम करने का अनुभव है। सोपोरी ने जेएनयू परिसर में हुआ हिंसा को लेकर कहा, कैंपस में हिंसा की हालिया घटनाएं बहुत ही निराशाजनक हैं। अविश्वास के कारण ऐसी स्थितियाँ होती हैं और यह संचार की कमी है जो विश्वास के स्तर को कम करती है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि प्रशासन को छात्रों से बात करने की पहल करनी चाहिए। जब मैं वहां था, मेरे दरवाजे हमेशा छात्रों के लिए खुले थे। मेरे पास हमेशा छात्रों की मांगों की एक डायरी थी। जिन मांगों को पूरा किया जा सकता था, उनके अनुसार उपाय किए गए थे।
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वहीं जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों की पहचान को लेकर पुलिस के दावों पर उठ रहे सवालों के बीच आज एक बार फिर अपराध शाखा के उपाध्यक्ष जॉय टिर्की अपने टीम के साथ कैम्पस पहुंचे और हिंसा से जुड़े अन्य साक्ष्यों को जुटाने का प्रयास किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिंसा वाले दिन ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था।
इस ग्रुप में 60 लोग हैं जिसमें से करीब 37 लोगों की पहचान हो गई। इनमें से कई लोग जेएनयू के छात्र नहीं है। इनमें से ज्यादातर लोगों के फोन बंद होने के कारण व्हाट्सएप ग्रुप में चिह्नित किये गए लोगों तक पहुंचने में देरी हो रही है। इसके साथ ही यह भी सामने आया है कि गत रविवार की हिंसा में करीब 10 से अधिक लोग बाहर से आए थे।