नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव संपन्न होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव परिणामों पर 17 सितंबर तक के लिए भले ही रोक लगा दी है। लेकिन तमाम अटकलों के बाद भी शनिवार करीब 12 बजे दोबारा मतगणना शुरू हुई।
इससे पहले कुछ छात्र संगठनों ने मतगणना का विरोध किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्र संगठनों का कहना था कि मतगणना एजेंटों द्वारा शिकायत प्रकोष्ठ (जीआरसी) सिफारिशों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालांकि कुछ घंटों बाद मतगणना फिर शुरू हो गई। चुनाव समिति ने रुझानों की घोषणा के साथ मतगणना प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
जेएनयू में शनिवार का दिन काफी शांत था, शाम सात बजे तक किसी भी छात्र संगठनों में परिणामों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दे रही थी। लेकिन जैसे ही पहला रूझान सामने आया, लेफ्ट यूनिटी में उत्साह दिखाई दिया। छात्रों में ढोल-नगाढ़ों और डफली की आवाजों के बीच एक बार फिर लाल सलाम के नारे गूंजने लगे।
सेंट्रल पैनल में 150 व काउंसलर के लिए 50 वोट नहीं बताएंगे…
प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव समिति ने कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है कि सेंट्रल पैनल के लिए 150 वोट और काउंसलर के लिए 50 वोटों का परिणाम नहीं बताया जाएगा। इनका कहना है कि कोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई है न कि वोटों की गिनती पर।
सूत्रों की माने तो रविवार दोपहर तक वोटों की गिनती पूरी कर ली जाने की संभावनाएं हैं। बेशक कोर्ट के आदेश के बाद जेएनयू छात्र संघ चुनाव के परिणाम आधिकारिक रूप से घोषित किए जाएंगे।