नई दिल्ली : हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने के विरोध में सड़कों पर उतरे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों का गुस्सा अभी ठंडा नहीं पड़ा है। अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने शास्त्री भवन स्थित मानव संसाधन विकास (एमएचआरडी) मंत्रालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हॉस्टल मैनुअल रोलबैक, कुलपति को पद से हटाने और सरकार की तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग की। इसके साथ ही छात्रों ने सेमेस्टर सेशन बढ़ाने की भी मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा।
वहीं जेएनयू शिक्षक संघ ने भी आगामी 2 दिसंबर को एमएचआरडी जवाब दो नाम से विरोध मार्च की घोषणा की है। जेएनयू में आगामी 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षा शुरू हो रही है, जिसे जेएनयू छात्र संघ ने एमएचआरडी मंत्री से आगे बढ़ाने की मांग की है। छात्र संघ ने कहा कि हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के चलते विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी डेढ़ महीने से कक्षाओं में नहीं गए हैं।
फीस बढ़ोतरी के विरोध के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है, इसलिए वे लगातार सेमेस्टर सेशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही छात्रों को चेतावनी दी है कि सेमेस्टर परीक्षा की तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा। सेमेस्टर परीक्षा तय अकादमिक प्रारूप के तहत ही होगी, इसलिए विरोध के बजाए वे कक्षाओं में लौट जाएं। जेएनयू शिक्षक संघ ने भी छात्र संघ की सेमेस्टर सेशन बढ़ाने की मांग का समर्थन किया है।