जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने छात्रावास शुल्क वृद्धि की आंशिक वापसी का आदेश दिया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक योजना भी प्रस्तावित की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा सचिव, आर सुब्रमण्यम ने बताया कि जेएनयू कार्यकारी समिति ने छात्रावास शुल्क और अन्य वजीफा में प्रमुख रोल-बैक की घोषणा की।
जेएनयू के छात्रों ने छात्रावास शुल्क में वृद्धि वापस लेने की अपनी मांग को लेकर अपना विरोध- प्रदर्शन तेज कर दिया था। इस वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन को कार्यकारिणी परिषद की बैठक परिसर से बाहर आयोजित करनी पड़ी। परिषद जेएनयू की फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
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वाम दल समर्थित छात्र संगठनों के विद्यार्थी छात्रावास शुल्क में वृद्धि के खिलाफ करीब पखवाड़े भर से प्रदर्शन कर रहे थे। आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रतिनिधियों ने भी इस तरह की मांगों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तक मार्च करने की योजना बनाई थी।
छात्र संगठनों का दावा किया कि छात्रावास नियमावली मसौदा में छात्रावास शुल्क वृद्धि और ड्रेस कोड आदि के प्रावधान हैं, जिसे इंटर-हॉल प्रशासन ने मंजूरी दी है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बुधवार को प्रशासन खंड के बाहर जेएनयू प्रशासन और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की।
जेएनयू शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक के आयोजन स्थल के बदलाव के बारे में सूचना नहीं दी गई। जेएनयू शिक्षक संघ अध्यक्ष डी के लोबियाल ने कहा कि एसोसिएशन आयोजन स्थल में बदलाव करने के फैसले की निंदा करता है। लोबियाल ने दावा किया कि यह बैठक परिसर के अंदर कंवेंशन सेंटर में होनी थी।