दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। अदालत ने मनदीप को 25,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम के मुचलके के पर जमानत दी है और उन्हें अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने मनदीप को जमानत देते हुए कहा, ‘‘जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की कोई आशंका नहीं है कि अभियुक्त किसी भी पुलिस अधिकारी को प्रभावित करने में सक्षम हो सकता है। आरोपी एक फ्रीलांसर पत्रकार है। आरोपी व्यक्ति से किसी भी तरह की वसूली नहीं की जानी है और उसे अब किसी भी उद्देश्य से न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जाएगा।’’
गौरतलब है कि मनदीप को सिंघु बॉर्डर के पास किसानों और कुछ कथित स्थानीय लोगों की झड़प के बाद गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की ओर से खुद प्राथमिकी दर्ज की गयी। पुलिस ने अगले दिन मनदीप को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद मनदीप ने रोहिणी कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी जिसे मंगलवार को मंजूर कर लिया गया। उन पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने और उन्हें चोट पहुंचाने का आरोप है।
मनदीप की ओर से अधिवक्ता सरीम नावेद ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल प्रदर्शन स्थल पर अन्य पत्रकारों की तरह अपने कर्त्तव्य का निर्वहन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए दलील दी कि मनदीप पर उपद्रव करने और प्रदर्शनकारियों को उकसाने सहित गंभीर अपराधों का आरोप है।