दिल्ली के कंझावला केस में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच पुलिस ने कंझावला मामले में शुक्रवार को अपने 11 कर्मियों को निलंबित कर दिया। इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे।
11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
निलंबित किए गए 11 पुलिसकर्मियों में दो उप निरीक्षक , चार सहायक उप निरीक्षक, चार हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। इनमें से 6 पुलिसकर्मी पीसीआर ड्यूटी पर तैनात थे। वहीं दूसरे घटना के दिन पिकेट पर थे।
उन्होंने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, वे घटना के समय रास्ते में पीसीआर और चौकियों में ड्यूटी पर थे। गृह मंत्रालय ने इस मामले में वीरवार को दिल्ली पुलिस को तीन पीसीआर वैन और दो चौकियों में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘रोहिणी जिले के उन 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जो इस घटना के समय मार्ग पर पीसीआर और पिकेट पर तैनात थे।’’ पुलिस ने घटना के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि नए साल के पहले ही दिन तड़के एक युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और कार में फंस गयी युवती को आरोपी लगभग 12 किलामीटर तक सुल्तानपुरी से कंझावला तक सड़कों पर घसीटते रहे जिससे उसकी मौत हो गई थी। अंजलि के साथ आखिरी समय पर मौजूद निधि ने बताया कि उसने डिंक्र की हुई थी. साथ ही बताया था कि उसकी अंजलि से लड़ाई भी हुई थी. इसके बाद निधि पर भी सवाल उठे कि वो कार से स्कूटी टकराने के बाद पुलिस के पास क्यों नहीं गई? अंजलि की मां ने भी कहा कि वो निधि को नहीं जानती है।
पुलिस ने कंझावला मौत मामले में अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को पहले गिरफ्तार किया था. बाद में दो और लोगों- आशुतोष व अंकुश खन्ना - को कथित तौर पर साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।