लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

दिल्ली सरकार ने नहीं? कोर्ट के आदेश के कारण हुए नियमित, कश्मीरी शिक्षकों ने CM केजरीवाल पर लगाए आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकार द्वारा कश्मीर के प्रवासी शिक्षकों की सेवा नियमित करने के दावे पर कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने अपनी राय रखी है। जिसमें उन्होंने इस दावे को गुमराह करने वाला बताया है।

दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) सरकार एक बार फिर कठघड़े आ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकार द्वारा कश्मीर के प्रवासी शिक्षकों की सेवा नियमित करने के दावे पर कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने अपनी राय रखी है। जिसमें उन्होंने इस दावे को गुमराह करने वाला बताया है। कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ के मुताबिक, कोर्ट के आदेशों के अनुसार उन्हें नियमित किया गया, जबकि अरविंद केजरीवाल इसके खिलाफ थे और कोर्ट में इसको रोकने के लिए कई बार बाधा डालने की कोशिश भी की थी।  
अरविंद केजरीवाल के बयान की निंदा  
गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन (माइग्रेंट) रजिस्टर्ड द्वारा अरविंद केजरीवाल के बयानों की निंदा की और चरणबद्ध तरीके से बताया कि, कश्मीरी प्रवासी अध्यापकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर 6 जून 2010 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, 18 मई 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने कश्मीरी शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया था।  
इसके बाद हाईकोर्ट के नियमित करने के फैसले को दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी, वहीं 21 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को कश्मीरी पंडितों की सेवाएं नियमित करने का आदेश दे दिया। एसोसिएशन ने आगे बताया कि, दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार आश्वासन दिया, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी। फिर 26 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका खारिज की।   
तब जाकर 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों सेवाएं नियमित हुई  
आखिर में दिल्ली सरकार के पास जब कोई विकल्प नहीं बचा तब जाकर 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गईं। दरअसल कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि, कश्मीरी पंडित बेघर होकर जब दिल्ली पहुंचे तो उनमें से कई लोगों ने 1993 में दिल्ली सरकार में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर टीचर की नौकरी की थी। 
इस बीच, अलग अलग सरकारें रहीं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ढिंढोरा न पीटते हुए कश्मीरी पंडितों को पक्की नौकरी दी। इसके अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने भी दावा किया था कि, अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के लिए बहुत कुछ किया है, दस्तावेज के अभाव में भी 223 शिक्षकों को स्थायी दर्जा, पेंशन प्रणाली को सुव्यवस्थित किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen − ten =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।