नई दिल्ली : आप न होते तो मेरी बेटी मर जाती है। आज के समय में इतना कोई नहीं करता है। ये वो शब्द हैं जो दर्द भरी आंखों और सहमी आवाज के साथ चांदनी के पिता ने कुलदीप से कहे या कहें ‘फरिश्ते दिल्ली के’ कुलदीप से कहे। कुलदीप ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल के सबसे ज्यादा नजदीक योजना ‘फरिश्ते दिल्ली के’ तहत सीमापुरी में रहने वाली लड़की चांदनी को नया जीवनदान दिया।
बैंक पीओ एग्जाम की तैयारी कर रहे लोनी निवासी कुलदीप जून माह में विवेक विहार के ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े थे। सुबह के नौ बजे का समय था तभी उन्होंने देखा की उनकी दायीं तरफ से एक बाइक आयी और आई-10 कार से टकरा गई। उस समय बाइक सवार लड़की ने हेलमेट नहीं पहना था इसलिए वह गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गई। इस दौरान करीब सात-आठ लोग वहां खड़े थे लेकिन लड़की की मदद करने कोई सामने नहीं आया।
लोग केवल 100 नंबर पर कॉल करने के लिए कहते रहे। ऐसे में कुलदीप ‘दिल्ली के फरिश्ते’ बनकर सामने आये और लड़की की स्कूटी वहीं खड़ी करके ऑटो की मदद से उसे हेडगेवार अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने बिना देरी किये लड़की का इलाज शुरू कर दिया और कहा कि यदि ब्लड लड़की के सिर में चला जाता तो उसकी जान बचानी मुश्किल हो जाती। कुछ देर बाद लड़की को होश आ गया फिर उसने अपने परिवार के सदस्यों को अस्पताल में बुला लिया। कुलदीप के इस काम की डॉक्टरों और मौजूद पुलिस अधिकारियों ने जमकर तारीफ की।