नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए दूसरे राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। इस पर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि हर छोटी बड़ी बात पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अब अपनी पुरानी चाल चलनी शुरू कर दी है। केजरीवाल ने फिर तोते की तरह वही बात रटनी शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि ऑड-ईवन योजना को नवम्बर में लागू किया जाना तय हुआ है और दीपावली अभी 16 दिन दूर है तो धूल और कूड़े से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार का एक्शन प्लान कहां है? विज्ञापनों पर करोड़ों रुपया बर्बाद कर रही केजरीवाल सरकार जनता को बताए कि बढ़ रहे जहरीले प्रदूषण से निपटने के लिए आपने अभी तक क्या किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री बढ़ रहे प्रदूषण पर इतने गम्भीर हैं तो विधानसभा में श्वेत पत्र जारी कर आपातकालीन बैठक बुलाएं और जल्द से जल्द प्रदूषण कम करने के उपायों पर चर्चा करें।
तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है, क्या सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देने मात्र से दिल्ली से प्रदूषण कम हो जाएगा। प्रदूषण केवल विज्ञापनों में कम हुआ है। असल मायने में दिल्ली से प्रदूषण कम करने के मामले पर दिल्ली सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। कहीं खुले आम कूड़े के ढेर जल रहे हैं और कहीं सूखी पत्तियों को जलाया जाता है, लेकिन केजरीवाल सरकार की तरफ से ऐसी कोई कमेटी नहीं बनाई गई है, जो ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई एक्शन ले सके।
प्रदूषण पर लगाम लगाने की न तो आम आदमी पार्टी की सरकार के पास कोई नीति है न कोई पॉलिसी है और न ही प्रदूषण कम करने को लेकर सरकार गम्भीर है। उन्होंने कहा कि वह फिर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति पर उतर आए हैं। जहरीले प्रदूषण के कारणों को तलाशने की बजाय दूसरे राज्यों पर ऊंगली उठा कर दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का ऐसा बयान बिल्कुल अशोभनीय है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर केन्द्र सरकार व दिल्ली के सभी सांसदों के प्रयास से कम हुआ है, लेकिन उसका श्रेय लेते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार ने महंगे विज्ञापन के माध्यम से ढिंढोरा पीटा, फिर डेनमार्क से आए महापौर सम्मेलन के निमंत्रण पर खुद अपनी पीठ थपथपाने के लिए सरकारी खर्च पर आठ लोगों की फौज तैयार कर ली। दिल्ली में जहरीले धुएं के कारण मरीजों की सांसे थम रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री केवल आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं।