दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि अब दिल्ली का अपना अलग शिक्षा बोर्ड होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने दिल्ली की कैबिनेट में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि ये बोर्ड 3 लक्ष्य पूरे करेगा। हमें ऐसे बच्चे तैयार करने हैं जो कट्टर देशभक्त हों, जो आने वाले समय में हर क्षेत्र में देश की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार हों। हमारे बच्चे अच्छे इंसान बनें और ये बोर्ड बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए तैयार करेगा।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्ड बनाया जा रहा है। इंटरनेशनल प्रैक्टिस को हम स्कूलों और बोर्ड में लेकर आएंगे। इस साल 20-25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि 4-5 साल में स्वेच्छा से सारे सरकारी, निजी स्कूल बोर्ड में शामिल हो जाएंगे।
दिल्ली सरकार ने शहर के लगभग 2,700 स्कूलों के वास्ते अलग स्कूल बोर्ड बनाने के लिए शनिवार को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि शुरुआत में राज्य सरकार के 21-22 सरकारी स्कूलों को दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) से संबद्ध किया जाएगा और अगले चार-पांच सालों में सभी स्कूलों को इसके अधीन कर दिया जाएगा।
शहर में दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूल हैं और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं। इनमें से ज्यादातर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। केजरीवाल ने कहा कि नए बोर्ड का एक संचालन मंडल होगा जिसके अध्यक्ष दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री होंगे। इसके अलावा एक कार्यकारी खंड भी होगा और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उसके प्रमुख होंगे। उन्होंने कहा, “डीबीएसई का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना होगा जो छात्रों में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संचार करे।”