दिल्ली के नांगलोई और पंजाबी बस्ती के बाजार इलाकों को अधिकारियों द्वारा सील किए जाने के फैसले को दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया है। बाजार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बंद करवाया गया था। बाजार बंद करने के आदेश रविवार को जारी किए गए। हालांकि 24 घंटे से पहले ही सोमवार सुबह यह आदेश वापस ले लिया गया। प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहीं भी लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया। बावजूद इसके बाजारों को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया था।
सोमवार को जारी किए गए अपने अगले आदेश में एडीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा, पंजाबी बस्ती और नांगलोई जनता बाजार को बंद करने का आदेश वापस ले लिया गया है। दिल्ली सरकार, दिल्ली में दोबारा से लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रही है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि व्यापारियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली में दोबारा से लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। सरकार की तरफ से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी पुष्टि की है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में लॉकडाउन किए जाने की खबरों को नकारते हुए कहा, मैं व्यापारियों को आश्वस्त करना चाहता हूं सरकार का दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि मार्केट एसोसिएशन से हमारी रिक्वेस्ट है कि वह स्वयं बाजारों के हालात रेगुलेट करें। बाजारों में सही व्यवस्था कायम करने में सहयोग दें। इसके साथ ही खरीददारी के लिए बाजार जाने वाले लोगों से भी अपील है कि वे मास्क का इस्तेमाल करें और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। इसके साथ ही हम एक बार फिर से से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन बिल्कुल नहीं होगा।
इससे पहले पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से आदेश को लागू करा दिया गया था। दोनों बाजारों को 30 नवंबर तक सील कर दिया गया था। इससे पहले रविवार को इनदोनो बाजारों को बंद करने का फैसला लिया गया था क्योंकि यह पाया गया था कि वहां के व्यापारी सरकार द्वारा निर्धारित उचित कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे थे। रविवार को यह कार्रवाई की गई।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), पश्चिम दिल्ली, धर्मेंद्र कुमार द्वारा आदेश दिया गया, “यह जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संज्ञान में आया कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए विभिन्न निर्देशों के बावजूद पंजाबी बस्ती बाजार और जनता बाजार, नांगलोई, दिल्ली में भारत सरकार/दिल्ली के जीएनसीटी द्वारा जारी किए गए मास्क पहनने, शारीरिक दूरू बनाए रखने, आदि के संबंध में जारी निर्देशों के अनुपालन में विक्रेताओं/आगंतुकों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।”
आदेश में कहा गया, “इसलिए, समग्र सार्वजनिक हित में, 30 नवंबर तक इन बाजारों को बंद करने का आदेश दिया गया है।” नवंबर में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय राजधानी के लिए सबसे अनिश्चित महीना रहा है। दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बढ़ते कोरोनावायरस के आंकड़ों को नियंत्रण में लाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों द्वारा सामाजिक दूरी और उचित कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार कड़ा रुख बरत रही है।
हाल ही में, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली सरकार द्वारा शादियों में 200 के बजाय अब अधिकतम 50 मेहमानों की संख्या करने के अनुरोध को मंजूरी दी थी। सरकार ने शहर में होने वाली शादियों पर सख्त प्रतिबंध की मांग की थी और केंद्र से अगर बाजार हॉस्पॉट बने तो वहां लॉकडाउन लगाने की मंजूरी मांगी थी।
पिछले कुछ दिनों में, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लगभग 700 बेड जोड़े गए हैं और लगभग 80 प्रतिशत बेड विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोनावायरस रोगियों के उपचार के लिए आरक्षित किए जाने के लिए कहा गया है।