उत्तर- पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा अब थम चुकी है। इस दंगे के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और अनेकों जान-माल की क्षति भी हुई। लोगों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार पीड़ित परिवारों के लिए मदद लेकर आई है। केजरीवाल सरकार पीड़ितों को तत्काल 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। यह राशि आज से मिलनी शुरू हो जाएगी।
सरकार द्वारा इस पहल की शुरुआत शुक्रवार को हो चुकी है। कल हिंसाग्रस्त इलाकों में पीड़ितों को मुआवजा राशि पाने के लिए फॉर्म बांटने का काम किया गया। सुरक्षा को लेकर कुल 18 एसडीएम की तैनाती इलाके में की गई। दिल्ली सरकार ने देश के प्रमुख अखबारों में एक फॉर्म प्रकाशित किया है जिसे भरकर केजरीवाल सरकार से मदद का दावा किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर-पूर्वी जिला डीएम कार्यालय में आर्थिक मदद के लिए कैंप लगाया जाएगा।
इसके लिए फॉर्म पीड़ित खुद जमा कर सकता है या स्वयंसेवी संस्था के जरिए कर सकता है। इस मदद को देने के लिए मोबाइल एप भी बनाया किया जा रहा है। पीड़ित को सिर्फ अपनी कुछ प्राथमिक जानकारी देनी होगी जिसके बाद टीम उस फॉर्म के आधार पर उस व्यक्ति द्वारा बताए गए स्थान पर जाकर नुकसान देखेगी और पूरी जायजा लेने के बाद मुवावजे की राशि दी जाएगी।दिल्ली सरकार के ऐलान के अनुसार व्यस्क मृतकों को 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।
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मृतक नाबालिग को 5 लाख रुपये दी जाएगी। इस हिंसा में स्थाई रूप से यदि किसी को चोट पहुंची है तो उसे 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। गंभीर चोट से पीड़ित के लिए 2 लाख का ऐलान किया गया है। केजरीवाल सरकार ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए मकान के लिए 5 लाख रुपये का ऐलान किया है।
केजरीवाल सरकार द्वारा दी जाने वाली मुआवजे की राशि इस प्रकार होगी-
- श्रेणी मुआवजा राशि
- वयस्क की मौत पर 10 लाख
- नाबालिग की मौत 5 लाख
- स्थायी विकलांगता 5 लाख
- गंभीर घायल 2 लाख
- कम घायल 20 हजार
- अनाथ 3 लाख
- जानवर को नुकसान 5 हजार
- सामान्य रिक्शा को नुकसान 25 हजार
- ई-रिक्शा को नुकसान पर 50 हजार
आवासीय नुकसान पर मुआवजा
- पूरा घर टूटने पर 5 लाख
- घर में थोड़ा नुकसान पर 2.5 लाख
- कम नुकसान पर 15 हजार
- व्यवसायिक संपत्ति 5 लाख अधिकतम
सरकार ने अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिनपर पीड़ित किसी भी तरह की मदद के लिए फोन कर सकते हैं। इसके अलावा 1077 टोल फ्री नंबर पर फोन करके मदद ले सकते है।