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ऑडिट पैनल की रिपोर्ट पर घिरी दिल्ली सरकार, संबित पात्रा बोले- केजरीवाल ने किया जघन्य अपराध

बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने एक जघन्य अपराध किया है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मची ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ऑडिट पैनल की रिपोर्ट सामने आई। पैनल की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने जरूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी जिसके बाद बीजेपी लगातार केजरीवाल सरकार पर हमलावर है। बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने एक जघन्य अपराध किया है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के झूठ के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हुई क्योंकि सभी जगहों से ऑक्सीजन काटकर दिल्ली भेजना पड़ी। अगर इन राज्यों को ऑक्सीजन मिल जाती तो कितने लोगों की जान बच सकती थी। संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने ये जघन्य अपराध किया है, इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में दोषी ठहराया जाना चाहिए। 
संबित पात्रा ने ऑक्सीजन रिपोर्ट के हवाले से कहा कि केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्होंने आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक ऑक्सीजन की कैल्कुलेशन की। मगर जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अरविंद केजरीवाल से आईसीएमआर की गाइडलाइन की कॉपी मांगी तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। इसका मतलब अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला था। 
उन्होंने आगे कहा कि 6 मई को केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग करते हैं। उसके कुछ घंटे बाद राघव चड्डा कहते हैं कि उन्हें 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए। एक ही दिन में दो-दो अलग आंकड़ा बताया गया। ये कहीं न कहीं एक साजिश के तहत किया गया है, दिल्ली सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए केंद्र पर ठीकरा फोड़ दिया। 
बता दें, ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित कमिटी के मुताबिक दिल्ली सरकार की तरफ से 25 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन की जो मांग रखी, वह वास्तविक आवश्यकता से 4 गुना तक अधिक थी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन की सप्लाई की जाए। हालांकि कोर्ट में बहस के दौरान केंद्र के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा था कि दिल्ली को अधिकतम 415 मीट्रिक टन की जरूरत है। 

SC की ऑडिट पैनल की रिपोर्ट में दावा, दिल्ली सरकार ने की जरूरत से 4 गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग

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