नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केन्द्रीय गृहमंत्री के साथ मिलकर दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की कथित बिगड़ती स्थिति पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को केन्द्रीय गृहमंत्री से समय लेने से पहले अपने वरिष्ठ सहयोगियों और कुछ विधायकों को दिल्ली में शांति और सद्भाव बिगाड़ने के लिए फटकार लगानी होगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने ये भी कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री से दिल्ली के मुख्यमंत्री की मुलाकात का मकसद तब तक पूरा नहीं होगा जब तक कि वे अपनी पार्टी में दबदबे की स्थिति में आए शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार सत्य उजागर किया था कि वे अराजक हैं। उस दिन से वह राष्ट्र विरोधी ताकतों और टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसे तत्वों का साथ निभा रहे हैं।
उन्होंने उस समय जेएनयू जाने का फैसला किया कि जब टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग जोर-शोर से राष्ट्र विरोधी नारे लगा रहे थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की उस फाइल को मंजूरी नहीं दी जिसमें अदालत में मुकदमे के लिए मुख्यमंत्री की स्वीकृति मांगी गई।
केन्द्रीय मंत्री ने केजरीवाल से अनुरोध किया कि वे राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थन करने और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ा होने के लिए पहले दिल्ली के नागरिकों से माफी मांगें उसके बाद ही वे केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलने का समय मांगने के अधिकारी बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह सभी जानते हैं कि दिल्ली में दो दिनों में हुई हिंसक घटनाओं के लिए एक विधायक ने उकसाया था।
इसके अलावा केजरीवाल के मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा जलती बस का एक वीडियो वायरल करने से हिंसा अन्य इलाकों और विश्वविद्यालयों में भी फैल गई। यह बड़ी चिंता का विषय है। बाद में दिल्ली पुलिस ने एक अन्य वीडियो जारी किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि बस को आग नहीं लगाई गई थी।