दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर राजधानी में कोरोना स्थिति को लेकर जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना से लोग बीमार हो रहे हैं लेकिन मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि हमने टेस्टिंग बढ़ा दी है।
केजरीवाल ने कहा कि टेस्टिंग बढ़ने से कोरोना मामले बढ़े हैं। पहले 20 हजार रोजाना टेस्ट हो रहे थे जो अब 40 हजार तक कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। 15 अगस्त से अब तक के आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में मृत्यु दर 1% है। राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 1.7% है। दिल्ली में अब तक 87 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं, राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 77 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि मुझे आंकड़ों की चिंता नहीं है लोगों की सेहत की चिंता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तर की कोई कमी नहीं है, 14,000 उपलब्ध बिस्तरों में से फिलहाल सिर्फ 5,000 भरे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से होने वाली मृत्यु को नियंत्रित करने के लिए हमारी तरफ से कई कदम उठाए गए जिसमे अनेक डॉक्टरों की टीम ने योगदान दिया है । केजरीवाल ने कहा कि जब हमने होम आइसोलेशन की व्यवस्था शुरू की थी तो चारों तरफ से विरोध हुआ थालेकिन आज उसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 2900 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 13 लोगों की मौत हुई है। हम चाहते हैं कि कोरोना से एक व्यक्ति की भी मौत न हो, लेकिन यदि 13 मौत की बात की जाए तो यह एक दिन में सामने आए कुल रोगियों का 0.4 फीसदी है। वहीं जून में भी, 27 जून को 1 दिन में 29 सौ नए कोरोना रोगी सामने आए थे और उसी दिन 66 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई थी। अब यह आंकड़ा काफी नीचे आया है। अब प्रतिदिन 10 से 20 व्यक्तियों की कोरोना के कारण मृत्यु हो रही है, जिस पर हम नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया कि बीते कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, हमने इस विषय पर विशेषज्ञों से बात की है कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोरोना की फिर से आई दूसरी लहर है। कुछ कहते हैं कि यह दूसरी लहर नहीं है। हमें इन तकनीकी बातों को किनारे रखकर आवश्यक सावधानी बरतनी होगी। 15 अगस्त से अभी तक दिल्ली में कोरोना के कारण होने वाली मृत्यु दर 1 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली के अस्पतालों में 14000 बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें से अभी केवल 5000 बेड ही भरे हैं। उनमें भी 16-17 सौ लोग दिल्ली के बाहर दूसरे राज्यों से आए हैं। यानी दिल्ली के सिर्फ 33-34 सौ लोग ही अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं, लेकिन और बेड की आवश्यकता पड़ती है तो हम उसकी भी व्यवस्था करेंगे।
मास्क न लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, हमें कामकाज के लिए निसंदेह घर से बाहर निकलना चाहिए, लेकिन इस दौरान मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना चाहिए। तबीयत खराब होने पर तुरंत टेस्टिंग करवाएं ताकि यदि आप कोरोना से ग्रस्त हैं तो बाकी लोग सचेत हो सके और आपको सही समय पर सही उपचार मिल सके।