चुनाव आयोग की ओर से आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से करने की खबर आने के बाद भाजपा की दिल्ली इकाई ने आज कहा कि यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘‘नैतिक हार’’ है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
आयोग ने जिन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है, उन पर लाभ के पद पर होने का आरोप है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी की इकाई ”किसी भी पल चुनाव के लिए तैयार है।” उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ‘आप’ विधायकों के मामले की सुनवाई ”अनुचित” ही स्थगित कर रहा था और यह लोगों को महंगा पड़ा है।
उन्होंने कहा, ”हम ‘आप’ के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करार देने के फैसले का स्वागत करते हैं। अरविंद केजरीवाल को इस नैतिक हार की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” तिवारी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से इस मामले में लंबे समय तक सुनवाई स्थगित किए जाने का फायदा उठाकर इन विधायकों ने न केवल दिल्ली के लोगों को लूटा और धोखा दिया, बल्कि उन्हें विकास से भी वंचित किया।
उन्होंने कहा, ”इस देरी का लाभ लेकर ‘आप’ तीन लोगों को राज्यसभा भेजने में सफल रही है और इस प्रक्रिया ने संसद के उच्च सदन की छवि भी धूमिल की है।” समझा जाता है कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि लाभ का पद संभालने के आरोप में ‘आप’ के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाए।
उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में आयोग ने कहा कि संसदीय सचिव के पद पर रहकर इन विधायकों ने लाभ का पद संभाला और वे दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने चाहिए। बता दें कि राष्ट्रपति के लिए आयोग की सिफारिश मानना बाध्यकारी है।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।