केरल हाई कोर्ट ने एक रोमन कैथोलिक बिशप द्वारा एक नन के कथित बलात्कार मामले में पुलिस की जांच पर संतोष जताया। मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए के जयशंकरण नाम्बियार की खंडपीठ ने उन तीन अलग अलग याचिकाओं पर विचार किया जिनमें आरोप लगाया गया है कि जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ मामले की पुलिस जांच ‘‘प्रभावहीन’’ है।
एक याचिकाकर्ता ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया। याचिकाकर्ताओं से इस मामले में नन की तरह धैर्य रखने के लिए कहते हुए पीठ ने कहा कि जांच दल द्वारा बिशप से 19 सितंबर को पूछताछ किए जाने के बाद इन याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। इसके बाद केरल हाई कोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 24 सितंबर की तारीख तय की।
अदालत ने दस सितंबर को राज्य सरकार द्वारा नन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि अगर जांच जल्दबाजी में की जाएगी तो आरोपी को इस मामले में बच निकलने का मौका मिल जाएगा। पीठ ने कहा कि राज्य पुलिस की जांच में कुछ भी चिंताजनक नहीं है। कथित घटना कुछ साल पहले हुई थी इसलिए यह स्वाभाविक है कि जांच में समय लग रहा है।