पूर्वी दिल्ली : शकरपुर इलाके से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) स्टूडेंट को अगवा कर उसकी हत्या करने का मामला सामने आया है। अपहरण के करीब एक माह बाद जब पुलिस एक हत्यारे तक पहुंची तो इस पूरे कांड का पर्दाफाश हो पाया। आरोपियों ने चंदन झा (28) को जान से मारने से पहले उसके परिवार से 1 लाख 62 हजार रुपए की फिरौती भी ले ली थी। पकड़ा गया आरोपी कोई और नहीं चंदन की कैब का चालक अंकित ही है।
वारदात में इसका एक दोस्त अंकित उर्फ इंद्रजीत भी शामिल था। वह अभी फरार है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। जानकारी के मुताबिक, चंदन शकरपुर के स्कूल ब्लॉक इलाके में किराए के मकान में रहता था। वह मूल रूप से बिहार के मधुबनी डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला है। परिवार में पिता आनंद मोहन झा, मां रेणू झा, दो शादीशुदा बहनें कविता व किरण है।
चंदन सीए की पढ़ाई कर रहा था और कंप्यूटर पर अकाउंट्स का थोड़ा बहुत काम कर लेता था। इसके अलावा उसने एक स्विफ्ट डिजायर कार ले रखी थी। जिसे वह ओला-उबर पर किराये पर चलाता था। अंकित उसकी कार का चालक था। गत 15 मई को अंकित चंदन के पास अपना वेतन लेने गया था। चंदन ने उसे 5 और 4 हजार के दो चेक दिए थे। इसके बाद जब अंकित जाने लगा तो उसने उसे कहा था कि वह उसे गाजीपुर सीएनजी पंप तक छोड़ देगा। वहां पहुंचने पर अंकित चंदन को बहुआपुरा गांव, कौशांबी, गाजियाबाद में रहने वाले श्याम के घर ले गया।
वहां पार्टी करने के बाद आरोपियों ने उसे बंधक बना लिया था। इसके बाद से वह लापता था। इधर, कविता के बयान पर शकरपुर थाने में अपहरण का केस दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए एसीपी के सुपरविजन में एएसआई सुनील पंवार, कांस्टेबल मोहित पंवार, राजबीर, कपिल, अनुज की टीम का गठन किया गया। टीम ने चंदन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले तो उनका शक चालक अंकित पर गहराया। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो वह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया।
तीन दिन तक पीटा और दीवान में बंद रखा… अंकित ने खुलासा किया है कि 15 तारीख को ही उन्होंने अंकित को बंधक बनाने के बाद उसकी पिटाई शुरू कर दी थी। 15 तारीख को आरोपियों ने चंदन से उसकी मां को फिरौती के लिए फोन कराया था। चंदन ने कहा था कि उसे कुछ लोगों ने अगवा कर लिया है, इन्हें पैसे दे दो फिर ये मुझे छोड़ देंगे। अगले दिन आरोपियों ने चंदन के दोस्त अखिलेश को उसी तरह फोन कराया। वहां से भी पैसों के इंतजाम नहीं हुआ तो आरोपियों ने चंदन के जीजा हरि नारायण को फोन कराया। हरि ने 17 तारीख को चंदन के अकाउंट में 1 लाख 62 हजार रुपए डाले थे। आरोपियों ने रात आठ बजे तक चंदन को छोड़ने की कही थी, लेकिन उसे नहीं छोड़ा गया था।
कार में रस्सी से घोंटा गला
17 तारीख की रात परिवार से रकम लेने के बाद आरोपी 18 तारीख के तड़के साढ़े चार बजे चंदन को कहीं काम चलने की बात कहकर कार में लेकर निकल गए थे। कार ग्रेटर नोएडा की ओर लेकर गए। अंकित कार चला रहा था। चंदन साथ वाली सीट पर था। श्याम पीछे बैठा था। उसी दौरान श्याम ने रस्सी से चंदन का गला घोंट दिया। इसके बाद उसके शव को गौतमबुद्ध नगर में फेंककर फरार हो गए थे।
पुलिस को खूब घुमाया
दोनों आरोपी बेहद शातिर हैं। उन्होंने पुलिस को बरगलाने के लिए एटीएम से जब चंदन के अकाउंट से रुपए निकाले थे तब वह वहां चंदन का मोबाइल भी लेकर गए थे। जिससे पुलिस को ये लगे कि रकम चंदन निकाल रहा है। इसके अलावा जब आरोपी चंदन की कार को गंग नहर, मुराद नगर में ठिकाने लगाकर आए तब भी वह चंदन का मोबाइल अपने साथ ले गए थे। अब तक की जांच में अंकित या श्याम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है।
पुलिस से कहता रहा भैया को ढूंढो…पुलिस को आरोपी पर शक न हो इसके लिए बार-बार पुलिस से कहता था कि भइया को ढूंढो। इधर, पुलिस ने जब उन एटीएम की सीसीटीवी फुटेज निकाली तो एक नकाबपोश रकम निकालता दिखाई दिया। वो नकाबपोश भी अंकित ही था। मगर सीडीआर से आरोपी का पूरा खेल खत्म हो गया।