भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर सक्रिय रहते हैं और यहीं पर वो अपने आंदोलन और अन्य चीजों के बारे में अपडेट देते रहते हैं। उनके ट्विटर हैंडल से मंगलवार को जो जानकारी दी गई वो किसानों को एक नया संदेश दे रही है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इसी माह 22 नवंबर को राजधानी लखनऊ में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। ये पंचायत अपने आप में ऐतिहासिक होगी और किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा है कि इस महापंचायत के बाद अब पूर्वांचल में भी अन्नदाता का आंदोलन और तेज होगा।
राकेश टिकैत ट्वीट
टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत। संयुक्त किसान मोर्चा की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन।’’प्रदर्शनकारी किसान तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग कर रहे हैं।
• ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत ।
• SKM की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी ।
• अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन ।#22NovemberLucknowKisanMahapanchayat— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 9, 2021
किसान संगठन प्रदेश के तमाम हिस्सों में अपनी पंचायत कर किसानों को इन कानूनों की खामियां गिना रहे हैं। इसको लेकर आए दिन कहीं न कहीं पंचायत और किसान सम्मेलन होते रहते हैं। इसी कड़ी में अब किसान मोर्चा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी किसान महापंचायत का आयोजन करने जा रही है। 22 नवंबर को होने वाली इस महापंचायत को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि ये महापंचायत ताबूत में आखिरी कील ठोंकने जैसी होगी।