कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है शायद ही कोई देश इस महामारी से अछूता रहा होगा। कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों से लेकर लॉकडाउन का पालन करवा रही पुलिस भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। यहां तक कि लोगों की सेवा में लगे एम्बुलेंस कर्मचारी भी इस खतरनाक बिमारी से नहीं बच पा रहे हैं।
ताजा मामला पूर्वी दिल्ली का है जहां लक्ष्मी नगर स्तिथ एम्बुलेंस हेल्पलाइन सेवा कैट्स के नियंत्रण कक्ष का है जहां कोरोना वायरस से संक्रमण के 29 नए मामले सामने आये हैं जिसके बाद इस एम्बुलेंस हेल्पलाइन सेवा के कुल 46 कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं।
सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्रॉमा सर्विसिस (सीएटीएस) के एक कर्मचारी ने आईएएनएस से कहा कि नियंत्रण कक्ष में काम करने वाले कुल 80 में से 46 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
एक कर्मचारी ने कहा, कुल 65 लोगोंके नमूने जांच के लिए गए थे, जिसमें से 46 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। केवल चार लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि 15 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। हमारी टीम के 15 सदस्यों का टेस्ट होना अभी बाकी है।
लक्ष्मी नगर में स्थित नियंत्रण कक्ष में शहर भर से एम्बुलेंस के लिए कॉल आती हैं और यहां से निकटतम स्थान पर सेवा उपलब्ध करा दी जाती है, जहां कोई एम्बुलेंस उपलब्ध होती है। कैट्स कंट्रोल रूम में 23 अप्रैल से दो मई के बीच कम से कम 17 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। पिछले एक सप्ताह में 29 और लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
कर्मचारी ने कहा, 23 अप्रैल को पहला मामला पाया गया था। स्वास्थ्य विभाग या सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने अब शिफ्ट की संख्या कम कर दी है, लेकिन काम के घंटे बढ़ा दिए गए हैं। कर्मचारी ने दावा किया कि नियंत्रण कक्ष वर्तमान में तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहा है। कर्मचारी ने यह भी कहा कि अपनी नौकरी खोने के डर से ही वह रोजाना काम पर आने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन यह केवल हमारे जीवन और नौकरियों के बारे में ही चितांजनक नहीं है, बल्कि कई कर्मियों ने अपने परिजनों को भी संक्रमित किया है।
संक्रमण के स्रोत पर कर्मचारी ने कहा कि नियंत्रण कक्ष का उपयोग पिछले महीने तक पीपीई किट रखने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, एम्बुलेंस के लोग किट लेने के लिए आते थे। वे हमारे वाटर कूलर और शौचालय का उपयोग कर रहे थे। यह संक्रमण का एक स्रोत हो सकता है। अब किट नियंत्रण कक्ष में नहीं हैं, लेकिन संक्रमण तो फैल ही रहा है।
नियंत्रण कक्ष के अधिकांश कर्मचारी 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और उन्हें अन्य बीमारियां भी हैं। इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय में कई बार संपर्क करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला।