देश भर में फैले कोरोना महामारी के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न उपाय किये जा रहे हैं इसी कड़ी में संक्रमण को रोकने के मद्देनजर दिल्ली के जेल अधिकारी ने कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात पर रोक लगा दी है।
गौरतलब हो कि इससे पहले जेल अधिकारी ने जेलों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जेल में भीड़ कम करने के उद्देश्य से कैदियों को जमानत और पैरोल पर रिहा किया था अथवा साथ ही कैदियों की नियमित मेडिकल जांच भी की जा रही है।
रोहिणी जेल में कोरोना वायरस का संक्रमण सामने आने के बाद से अधिकारी काफी सतर्क हैं। दिल्ली में तीन जेल हैं — तिहाड़, रोहिणी और मंडोली। रोहिणी जेल के 28 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद उसके साथ बैरक साझा करने वाले 15 अन्य कैदियों तथा हेड वार्डन में भी संक्रमण हो गया।
जेल अधिकारियों ने कहा कि वे हर कैदी की लगातार तेजी से जांच कर रहे हैं। सभी कैदियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तबियत खराब होने पर छिपाएं नहीं और तुरंत चिकित्सकों को खबर करें। जेल के कर्मचारी और चिकित्सक कैदियों को कोरोना वायरस और इससे बचने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर कैदी को दो मास्क दिए गए हैं और वे इसे धोने के बाद फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं। ये मास्क कैदियों ने ही तैयार किए हैं।’’
तिहाड़ जेल के महानिरीक्षक संदीप गोयल ने कहा कि जेल के अधिकारी कैदियों को बैरक के अंदर भी मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। गोयल ने कहा कि कैदी हर समय बैरक के अंदर नहीं रह सकते हैं। जरूरत पड़ने पर वे बाहर निकलते हैं और ऐसे समय में यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे अन्य बैरक के कैदियों से कम से कम बातचीत करें।
एक बैरक में सामान्यत: 20 से 25 कैदी होते हैं। सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जेलों में भीड़भाड़ कम करने के कदम उठाए गए हैं। अभी तक 3500 कैदियों को रिहा किया गया है और आगामी दिनों में और कैदियों को रिहा किया जाएगा।