पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लालू प्रसाद ने यूपीए सरकार के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के होटलों को लीज पर देने के बदले फर्जी कंपनियों के जरिये करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के मोल पर हासिल की थी। लगभग एक अरब 28 करोड़ रुपये मूल्य की ये सम्पत्ति पिछले साल सितंबर में अस्थायी रूप से कुर्क की गई थी।
अब उस संपत्ति को न्यायालय ने स्थायी रूप से जब्त कर लिया है। लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित 13 लोग इस मामले चार्जशीटेड हैं। तेजस्वी यादव पिछले 15 महीनों में इस बेनामी सम्पत्ति का बिंदुवार जवाब न मुख्यमंत्री को दे पायेए न आयकर विभाग को संतुष्ट कर पाये। जब यह सम्पत्ति हाथ से जाने वाली हैए तब एक गुनहगार खुद को पीडि़त साबित करने के लिए राजनीतिक यात्रा निकाल रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार बेनामी सम्पत्ति निवारण कानून को इतना मजबूत बना दिया है कि इस मामले में दोषी पाये जाने पर 7 साल के कारावास की सजाए सम्पत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसद जुर्माना और इसके साथ ही 6 साल तक चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। लालू प्रसाद ने बिहार का विकास तो ठप किया ही, सम्पत्ति की लिप्सा में अपने परिवार की दूसरी पीढी का भविष्य भी अंधकारमय बना दिया।