पटना : दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत से देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नयी क्रांति का सूत्रपात होने की बात कहते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने इस योजना को गरीब गुरबों के लिए वरदान बताया. उन्होंने कहा “ देश के गरीब, पीड़ित, शोषित तथा वंचित वर्ग के 10 करोड़ परिवारों यानी तकरीबन 50 करोड़ लोगों को 5 लाख सालाना की निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत के लिए इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म हो चुकी हैं और आज झारखंड में प्रधानमन्त्री जी द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया जाएगा और 25 सितंबर से इसका प्रसार पूरे देश में कर दिया जाएगा. इस योजना में सरकार ने सामाजिक, आर्थिक, जातीय सर्वेक्षण, 2011 (SECC) के डेटा में शामिल परिवारों को इसमें शामिल किया है. पहले चरण में देश के 10.74 करोड़ परिवारों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर चुन लिया गया है.
इस योजना के लांच होने के बाद देश के गरीब अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए खुद को लाचार और असहाय महसूस नहीं करेंगे और अपना सब कुछ गिरवी रखने को मजबूर नहीं होंगे. योजना में हर तरह से इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि कोई भी वास्तविक हकदार इसके दायरे में आने से बचा ना रह जाए. जिन परिवारों में कोई पुरुष मुखिया नहीं है और महिला उस परिवार को चला रही है, उस परिवार को भी इसका लाभ मिलेगा. इसके अलावा और जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा उनमें बिना जमीन वाले मजदूरों के साथ ही हॉकर, कुली, सिक्योरिटी गार्ड, माली, स्वीपर, इलेक्ट्रिशियन आदि शामिल हैं. इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत कैंसर के साथ मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कार्डियोवैस्कुलर जैसी गंभीर बीमारियों के साथ-साथ 1350 बिमारियों का निशुल्क इलाज किया जाएगा.”
श्री रंजन ने आगे कहा “ याद करें तो स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के प्राचीर से प्रधानमन्त्री जी ने इस योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान को 25 सितंबर से लॉन्च करने का एलान किया था और इसके तीन हफ्ते के भीतर इस योजना का पायलट रन शुरू हो चुका है. बिहार में भी दस लोगों को गोल्डेन कार्ड देकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान का पायलट रन शुरू कर दिया गया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जी ने चंद दिनों पहले पीएमसीएच में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को यह कार्ड प्रदान किया. बिहार में इस योजना के तहत पहले ही आर्थिक व सामाजिक जनगणना के आधार पर 1.08 करोड़ लोग चयनित किए जा चुके हैं, वहीं पूर्णरूप से इस योजना के अमल में आने के बाद और कई करोड़ लोग इससे लाभान्वित होंगे. योजना लागू करने के लिए राज्य के 32 सरकारी अस्पतालों को चयनित कर लिया गया है, तथा साथ ही निजी अस्पतालों से भी आवेदन मांगा गया है. बिहार जैसे सीमित संसाधनो वाले राज्य के लिए यह योजना काफ़ी फायदेमंद साबित होगी”