नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निगम आयुक्त मधुप व्यास ने वित्तिय वर्ष 2018-19 का अनुमानित बजट पेश किया। जिसमें एक बार फिर से जनता पर नए टैक्स लगाना प्रस्तावित किया है। आयुक्त की ओर से संपत्तिकर की दरों में भी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। निगम आयुक्त मधुप व्यास का अनुमान है कि अगर इन प्रस्तावित करों और कर वृद्धियों को लागू कर दिया जाता है तो साल भर में निगम आत्मनिर्भर बन सकता है।
वित्तिय वर्ष 2018-19 के प्रस्तावित बजट में निगमायुक्त ने 8562.28 करोड़ की आय और 8562.13 करोड़ के खर्च का प्रस्ताव कर बजट को संतुलित करने का प्रयास किया है। आय-व्यय के संतुलन और देनदारियों को पूरा करने के लिए निगमायुक्त ने दिल्ली सरकार से 3350 करोड़ के लोन का बजटीय प्रावधान किया है।
वित्तीय वर्ष 2012-13 में निगम का प्रारंभिक घाटा 790 करोड़ था। वर्ष 2013-14 में यह घाटा 540 करोड़ प्रस्तावित रहा। इसी प्रकार से वित्तिय वर्ष 2014-15 में घाटा 475 करोड़ हो गया। वर्ष 2015-16 में अनुमानित घाटा बढ़कर 700 हो गया। वर्ष 2016-17 में यह बजट घाटा 2754 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
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