वाम दलों ने छुट्टी पर भेजे गये केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा के बारे में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी के इस्तीफे की मांग की। उच्चतम न्यायालय ने श्री वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्रीय सतर्कता आयोग एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के आदेश को मंगलवार को निरस्त कर दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)ने न्यायालय के फैसले के मद्देनजर प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने श्री आलोक को मोदी सरकार द्वारा निर्वाचक समिति की इजात्रत के बगैर छुट्टी पर भेजने के फैसले को गलत करार देकर केंद, सरकार को अवैध निर्णय लेने का त्रिम्मेदार सिद्ध कर दिया। श्री मोदी ने सीबीआई के कार्यों में दखलअंदात्री करके इसकी स्वायत्तता और प्रतिष्ठा को गहरी चोट दी है।
प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए। माकपा पोलित ब्यूरो ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सीबीआई कार्मिक मंत्रालय के अधीन है और यह प्रधानमंत्री के पास है। श्री मोदी ने श्री वर्मा के मामले में सीधा हस्तक्षेप किया है और अदालत का फैसला उनके लिए बड़ झटका है। इसलिए इस बात की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।