Delhi: गुणवत्ता मानक जांच में दवाइयों के विफल रहने के मामले को उपराज्यपाल VK सक्सेना द्वारा CBI के पास भेजे जाने के कुछ दिनों बाद राजनिवास के अधिकारियों ने बुधवार को दौरे और मिर्गी के उपचार में उपयोग आने वाली एक अन्य दवा को भी नकली होने की रिपोर्ट की है। VK सक्सेना ने पिछले हफ्ते उन दवाओं की आपूर्ति की CBI जांच की सिफारिश की थी जो गुणवत्ता मानक जांच में विफल रही थीं और उनकी वजह से लोगों की जान खतरे में पड़ने की आशंका थी।
अधिकारियों के अनुसार दिल्ली सरकार के अस्पतालों से लिया गया दूसरा दवा सैंपल भी चंडीगढ़ के क्षेत्रीय औषध जांच प्रयोगशाला की जांच में विफल रहा है। इस बार, मिर्गी विरोधी दवा सोडियम वालप्रोएट मानक पर खरा नहीं उतरी है। एक अधिकारी ने बताया कि 22 दिसंबर को एक सरकारी विश्लेषक ने यह रिपोर्ट जारी की। अधिकारियों ने बताया कि जिन दवाइयों को घटिया पाया गया है उनमें फेफड़े के उपचार में उपयोग आने वाला और मृत्राशय संक्रमण को दूर करने वाला जीवन रक्षक अहम एंटीबायोटिक सेफालेक्सिन शामिल है। उन्होंने बताया कि ऐसी दवाइयों में फेफड़े एवं जोड़ में खतरनाक सूजन, शरीर में सूजन के उपचार में उपयोग आने वाला स्टेरॉयड डेक्सामथासोन तथा मिर्गी, अवसाद रोधी दवा लेवेटिरासेटम और उच्च रक्तचाप रोधी दवा अम्लोडायपाइन शामिल हैं।
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