नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रामानुजन कॉलेज में साप्ताहिक संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। रामानुजन कॉलेज शिक्षण अध्यन केंद्र और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा ‘हिंदी साहित्य और मीडिया : शिक्षण पद्धति व संभावनाएं’ विषय पर आयोजित साप्ताहिक संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम के समापन सत्र में भारतीय जनसंचार संस्थान के निदेशक प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि साहित्य और मीडिया व्यक्ति को सहिष्णु बनाने के साथ-साथ तथ्यों को स्वीकार करने की जिज्ञासा भी जगाती है।
साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान लगभग 24 सत्रों में देश के कई प्रमुख साहित्यकार, मीडियाकर्मी और रंगकर्मियों ने हिस्सा लेकर अपने अनुभव देशभर से आए प्रतिभागियों के साथ साझा किया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि साहित्य और मीडिया के शिक्षण के साथ जब तक नवीनतम माध्यमों का सामंजस्य नहीं होगा तब तक इसका शिक्षण उत्कृष्ठ नहीं हो पाएगा।
कार्यक्रम के निदेशक डॉ. आलोक रंजन पाण्डेय ने कहा कि साहित्य और मीडिया न केवल हमें जीवन में व्यवहारिक बनाती है अपितु संवेदनशील भी बनाती है। डॉ. मधु कौशिक ने कहा कि साहित्य और मीडिया का अध्यापन करते समय जिस प्रकार की चुनौतियां अध्यापक के समक्ष आती है, उन चुनौतियों का समाधान हम अपनी शिक्षण पद्दति के माध्यम से ही कर सकते हैं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस.पी. अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम आपके सुझावों से और सहज और समृद्ध बनेगा।