एक जैसे नाम होने की वजह से हुई शवों की अदला-बदली को लेकर दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ने लापरवाही से साफ इंकार किया है। एलएनजेपी अस्पताल में विशेष तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल ने कहा कि दोनों मरीज का नाम मोईनुद्दीन था और दोनों कोरोना वायरस संक्रमित थे और अस्पताल में इनकी मौत चार जून को ही हुई। यह मामला रविवार को उस समय सामने आया जब दूसरे मोईनुद्दीन के परिजन एलएनजेपी से जुड़े मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के शवगृह में शव लेने पहुंचे।
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हालांकि, ”पहले मोईनुद्दीन” के परिजन तब तक छह जून को ”दूसरे मोइनुद्दीन” को दफना चुके थे। सूत्रों ने बताया कि एक ही नाम होने के कारण संशय पैदा हुआ था। इसलिए बाद में दोनों परिवारों ने खुद ही आपस में बातचीत कर मामले को सुलझा लिया।
एलएनजेपी अस्पताल ने सोमवार को एक बयान में कहा, ” इस मामले में अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं की गई। हालांकि, भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहरायी जाए, इसके लिए व्यवस्था में सभी संभव सुधार किए जाएंगे।”
दरअसल, अस्पताल प्रशासन के पास एक ही नाम के दो कोरोना मरीजों के शव थे। इस वजह से उन्होंने परिवार वालों को गलत बॉडी दिखाई। परिजन भी इतने डरे हुए थे कि उन्होंने दूर से ही लाश की शिनाख्त कर ली। इतना ही नहीं परिवार वाले शव को दफ्ना भी दिया था।