दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कमरे के निर्माण में कथित वित्तीय अनियमितता की एक शिकायत पर लोकायुक्त ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को जांच के बाद संबद्ध विभाग का जवाब सौंपने का निर्देश दिया।
शिकायतकर्ता एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी अपनी शिकायत पर सुनवाई के दौरान लोकायुक्त अदालत में पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा के साथ उपस्थित थे।
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि वह लोकायुक्त के उस आदेश का स्वागत करती है, जिसमें इस मुद्दे पर जवाब मांगा गया है।
दिल्ली सरकार के बयान में कहा गया है, ”एसीबी, दिल्ली पुलिस, सीबीआई, ईडी ने हमारी परियोजनाओं की जांच की है। हमें हमेशा क्लीन चिट मिली हैं। लोकायुक्त को दी गई शिकायत पूरी तरह से निराधार और झूठी है, हमें विश्वास है कि हम इस बार भी पाक-साफ साबित होंगे।”
इससे पहले तिवारी ने बताया, ‘‘लोकायुक्त ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से जांच करने और अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। ’’
तिवारी ने 2019 में लोकायुक्त के पास एक शिकायत दायर की थी, जिसमें शहर के विभिन्न हिस्सों में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के स्कूलों में अतिरिक्त कमरे के निर्माण में वित्तीय अनियमितता होने का आरोप लगाया था।