भोपाल : प्रदेश के दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर में जल्द ही मेट्रो रेल दौड़ती नजर आयेगी। केन्द्रीय कैबिनेट ने भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की। भारत सरकार द्वारा जारी मेट्रो रेल पॉलिसी-2017 के उपरांत, यूनियन कैबिनेट द्वारा सर्वप्रथम भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियाजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत परियोजना लागत में 20 प्रतिशत इक्विटी भारत सरकार तथा 20 प्रतिशत इक्विटी मध्यप्रदेश सरकार की होगी। शेष 60 प्रतिशत राशि मल्टीलेटरल बैंक से ऋण के रूप में ली जायेगी। मप्र मेट्रो रेल कॉ. लिमिटेड द्वारा दोनों शहरों के प्रथम सिविल कार्य के लिए निविदाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं।
भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट 27.87 किमी. लम्बा होगा। इसमें दो कॉरिडोर बनाये जाएंगे। पहला पर्पल लाइन कॉरिडोर करोंद चौराहे से एम्स अस्पताल तक 14.99 किमी. दूरी तय करेगा। दूसरा रेल लाइन कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक 12.88 किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसके तहत कुल 30 स्टेशन बनाये जायेंगे, जिनमें 16 पर्पल लाइन तथा 14 रेड लाइन कॉरिडोर में स्थित होंगे। इस प्रोजेक्ट पर 6,941.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में रिंग कॉरिडोर एयरपोर्ट से राजवाड़ा, रेलवे स्टेशन, पलासिया, बंगाली चौराहा, विजय नगर तथा एमआर-10, तथा एयरपोर्ट तक 31.55 किलोमीटर लम्बी मेट्रो रेल का कार्य 7500.80 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया जाएगा। इंदौर मेट्रो में कुल 30 स्टेशन बनाये जायेंगे।
बुधनी-इंदौर रेल मार्ग बनेगा औद्योगिक कॉरीडोर: इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले में बुधनी-बरखेड़ा रेल खण्ड पर तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य का शिलान्यास करते हुए बताया कि लगभग 26.5 किलोमीटर की इस तीसरी रेल लाइन का निर्माण रेल विकास निगम द्वारा दिसम्बर-2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। करीब 992 करोड़ लागत की इस रेल लाइन के निर्माण के लिये वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों की स्वीकृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। इस रेल मार्ग को औद्योगिक कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जायेगा।