महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की मराठा आरक्षण मुद्दे पर जो रिपोर्ट है उसे राज्य विधानसभा में पटल पर रखने के बारे में फैसला इस पर कानूनी राय लेने के बाद लिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि अनुसूचित जनजाति श्रेणी में धनगढ़ समुदाय को आरक्षण देने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष के कामकाज में बाधा डाली और कागज फाड़े। वह आयोग की रिपोर्ट निचले सदन में पटल पर रखने की मांग कर रहे थे। इसके चलते सदन को चार बार स्थगित करना पड़ा।
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हंगामे के बीच राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मराठा कोटा पर आयोग की अनुशंसा स्वीकार कर ली है। सिफारिश में आयोग ने नई श्रेणी ‘‘सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग’’ बनाने को कहा था। उन्होंने कहा, ‘‘ हम देखेंगे कि अनुशंसा को यदि चुनौती मिलती है तो यह कानूनी तौर पर टिकेगी या नहीं। उसके बाद ही फैसला लेंगे कि इसे सदन में पटल पर रखा जाना चाहिए या नहीं।’’