नई दिल्ली : सरकार यदि किसी का आशियाना बना नहीं सकती, तो उसे छीनने का भी अधिकार नहीं है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कुछ इन बातों के साथ विरोधी सत्ता आसीन सरकारों के खिलाफ हुंकार भरी और झुग्गीवासियों को सुनिश्चित करते हुए कहा कि कांग्रेस हर हाल में आपके साथ खड़ी है।
शनिवार को मोतिया खान डबल स्टोरी में लोगों के बीच अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि आज गैर कानूनी ढंग से सीलिंग की जा रही है। सीलिंग कुछ जगहों पर होती है, लेकिन उसकी आड़ में हजारों लोगों से पैसे की वसूली हो रही है। कांग्रेस के समय में ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी आज की बनी हुई नहीं हैं और न ही कोर्ट का आदेश आज आया है। इस संबंध में 14 फरवरी, 2006 को कोर्ट का आदेश आया था और 23 मार्च, 2006 को ही कमिटी बना दी गई थी।
उस समय हमारी सरकार थी और हमने एक सप्ताह में अध्यादेश लाकर इस सीलिंग को रोक दिया था। मास्टर प्लान में भी 168 से अधिक बदलाव किए गए थे, जिससे दिल्लीवालों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उस समय तीन हजार से अधिक सड़कों को नोटिफाइड किया। जब हम यह सब कर सकते हैं तो केंद्र सरकार सीलिंग के नाम पर लोगों के घर क्यों उजाड़ रही है।
उनके सिर से छत क्यों छीनी जा रही है। केंद्र सरकार यदि किसी को रोजगार नहीं दे सकती तो उसे छीनने का भी अधिकार नहीं है। हमारी सरकार जनता के हितों में काम करती रही है और उस समय इस दिशा में 11 बार कानून लाकर लोगों को राहत पहुंचाई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीलिंग में पीड़ितों को राहत दिलाने के लिए कैंप लगाएगी और अपने वकीलों की मदद से लोगों को राहत दिलवाई भी जाएगी। यदि जरूरत हुई तो इस दिशा में जंग भी करेंगे।
लड़ेंगे कानूनी लड़ाई
माकन ने कहा कि 250 स्क्वायर फुट तक वाले अपने घर में छोटा रोजगार कर सकते हैं। जब केंद्र में हमारी सरकार थी, तब हमने यह प्रावधान किया था। आजकल गैरकानूनी ढंग से सीलिंग की जा रही है। उन्होंने जनता के सामने मांग रखी कि वह सप्लीमेंट्री लीज डीड के लिए आवेदन करें।
वहीं रिफ्यूजी कालोरियों के बारे में उन्होंने कहा कि उनके अपने घर है, ऐसे में कोई भी उन्हें सीलिंग के नाम पर परेशान नहीं कर सकता। जब उन्हें यह घर दिया गया था तब परिवार छोटा था और समय के साथ यह बढ़ता गया है। कन्वर्जन चार्ज के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे जा रहे हैं, जबकि यह काम हजारों में भी किया जा सकता है।