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अनधिकृत कॉलोनियों पर माकन ने पुरी से पूछे सात सवाल

सुभाष चोपड़ा ने केन्द्र की भाजपा सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर अनधिकृत कॉलोनियों के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली : रविवार को रामलीला मैदान में दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों पर पीएम मोदी की ‘धन्यवाद रैली’ को काउंटर करने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने 2008 के दस्तावेज सामने रख कर भाजपा पर दिल्ली के लोगों को धोखा देने का आरोप लगा दिया। तत्कालीन यूपीए-1 में शहरी विकास मंत्री रहे अजय माकन ने कहा कि उन्होंने 2008 में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमन के लिए जो आसान शर्तें बनाई गई थी, केन्द्र सरकार ने उसके मूल स्वरुप को बदलकर लोगों को बर्बाद करने काम किया है। 
पूर्व शहरी विकास मंत्री होने की हैसियत से माकन ने वर्तमान शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से सात सवाल भी पूछे हैं। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने केन्द्र की भाजपा सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर अनधिकृत कॉलोनियों के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप लगाया। 
पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा भाजपा व केजरीवाल सरकार के खिलाफ दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों से धोखा धड़ी करने का अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। दोनों दलों ने इन कॉलोनियों के खिलाफ एक साजिश के तहत एक षड्यंत्र किया है जिसके चलते दिल्ली की 700 से अधिक कॉलोनियां नियमन से बाहर हो गई हैं। इस मौके पर हारून यूसूफ, मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा, राजेश लिलोठिया व चतर सिंह भी मौजूद थे।
1. मालिकाना हक देने का नाटक करने से पहले यह बताया जाए कि कॉलोनियों के ले-आउट प्लान अभी तक पास क्यों नहीं किए गए। उनका लैंड यूज क्यों नही बदला गया। साथ ही 2008 में मेरे कार्यकाल में कॉलोनियों को नियमित करने संबधी पेरा 5.4 क्यों बदला गया।
2. क्या यह सही नहीं है कि कि 22 दिसम्बर के बाद जैसे ही आपने इन कॉलोनियों को नियमित घोषित कर दिया उसके पश्चात लाखों छोटी व बड़ी दुकानें, क्लीनिक, अस्पताल, ऑफिस, गोदाम या अन्य ऐसी कोई भी गतिविधि जो गैर रिहायशी क्षेत्रों में की जा रही है, वह बंद हो जाएगा या सील हो जाएगा?
3. क्या यह सही नहीं है कि सरकार ने सरकारी जमीन तथा प्राईवेट जमीन को इस प्रकार से दोबारा परिभाषित किया है कि लगभग 100 प्रतिशत कॉलोनियां सरकारी जमीन पर आ जाएंगी जबकि पहले यह केवल 10 प्रतिशत ही सरकारी जमीन पर आती थी।
4. मालिकाना हक के लिए अलग से कानून बनाने की जरुरत नहीं थी? 1977 के आदेश के द्वारा पास की गई थी। जब एक साधारण से नोटिफिकेशन के द्वारा खरीद फरोख्त तथा सम्पति का हस्तांतरण हो सकता है तो इतनी बड़ी कवायद करने की जरूरत क्या थी?
5. 2019 के रेगुलेशन में पहली बार ‘जोन ओ’ को जोड़ा गया है जिसमें नियमित न हो पाने वाली जमीन पर बसी कॉलोनियों की सूची दी गई है। इस नोटिफिकेशन की अनुपस्थिति में इन क्षेत्रों में रहने वाले 10 लाख से ऊपर लोगों की गर्दन पर तलवार लटक रही है।
6. क्या उन भूमियों पर बनी हुई उन कॉलोनियों को पास नहीं किया जा सकता जिनके ऊपर से हाईटेंशन लाइन गई हुई है।
7. बढ़े हुआ सम्पति हस्तातरंण शुल्क लोग क्यों दे?
कांग्रेस अपने गिरेबान में झांककर देखे : आप
नई दिल्ली, (पंजाब केसरी): कांग्रेस द्वारा शनिवार को अनधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर आप प्रवक्ता घनेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि कच्ची कॉलोनियों में जितने काम आप सरकार ने करवाये, उतने काम आज तक किसी ने नहीं करवाये। दिल्ली में 1797 कॉलोनियां हैं। 
2009-2014 में केवल 309 के अंदर सड़के और नालियां बनी और इस पर 811 करोड़ खर्च किए गए। 2015 से 2019 में हमारी सरकार के कार्यकाल में 1281 कॉलोनियों में सड़के और नालियां बनाई गई। इस पर 4312 करोड़ खर्च किए गए।  कांग्रेस पहले अपने गिरेबान में झांके, क्योंकि उसने बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं किया। 

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