नई दिल्ली: यदि पिज्जा डाउनलोड नहीं हो सकता तो जिंदा आदमी भी अपलोड नहीं किया जा सकता। यह कहना है उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का। डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे घमासान के बीच सिसोदिया ने एलजी को तीन पेज का पत्र लिखकर कहा है कि डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम ऑनलाइन सिस्टम का विकल्प नहीं, बल्कि इसके और मजबूत और पारदर्शी बनाने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि एलजी हाउस ने तर्क दिया था कि पिज्जा सर्विस में उसे डाउनलोड नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार जीते जागते इंसान को भी ऑनलाइन माध्यम से अपलोड नहीं किया जा सकता। सिसोदिया ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से महज फार्म भरने के बाद प्रक्रिया खत्म नहीं हो जाती बल्कि उसे मूल दस्तावेज दिखाने आना ही पड़ता है। उन्होंने लिखा कि डीएम ऑफिस में दौरे के दौरान लोगों ने बताया कि ऑनलाइन सेवा का प्रयोग इस लिए नहीं करते क्योंकि उन्हें फिर से दफ्तर आना ही पड़ता है।
एक लड़की मिली जो दो माह से परेशान हो रही थी। उसे पढ़ने के लिए इंग्लैड जाना था लेकिन फार्म रद्द हो गया। उक्त लड़की ने सभी दस्तावेज दिए लेकिन उसका समय पर काम नहीं हो पाया। वहीं एक बुजुर्ग मिला जो आठ माह से एक आवेदन के लिए परेशान हो रहा था। अधिकारी पहले उसे अपनी पत्नी को दफ्तर लाने को कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था में क्या खोट है कि लोगों को परेशान होना पड़ता है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।