देश की राजधानी दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कोविड-19 के प्रभाव से उबर रही है। 2022-23 के लिए बजट आवंटन 75,800 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट आवंटन 69,000 करोड़ रुपये था। 2022-23 के लिए बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.7 प्रतिशत अधिक है। देश के जीडीपी में दिल्ली की भागीदारी 2011-12 में 3.94 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 4.21 प्रतिशत हो गई है।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का रखा प्रस्ताव
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का प्रस्ताव रखा जिससे करीब 80 हजार रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इसे दिल्ली के बापरोला इलाके में स्थापित किया जाएगा। वित्त मंत्री का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा, हम दिल्ली के बापरोला में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाएंगे। इससे 80 हजार लोगों के लिए रोजगार अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां भी दिल्ली आने के लिए प्रोत्साहित होंगी। उन्होंने कहा, हमारा रोजगार सृजन के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का इरादा है। हम दिल्ली में आधार खड़ा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 90 एकड़ में विनिर्माण केंद्र भी बनाएंगे। औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास से छह लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस संक्रमण के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख नौकरियां पैदा की है।
महामारी के शुरू होने के बाद से निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं
सिसोदिया ने इसे ‘रोजगार बजट’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इससे दिल्ली में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार का लगातार आठवां बजट है। उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले सात वर्ष में 1.78 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली, जिनमें से 51,307 लोगों को स्थायी नौकरियां मिली। सिसोदिया ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का लगातार आठवां बजट है और यह ‘‘रोजगार बजट’’ है। उन्होंने कहा, मैं रोजगार सृजन और लोगों को कोविड-19 के प्रभाव से राहत देने का एजेंडा लेकर आया हूं। सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं।
आगामी पांच साल में कामकाजी आबादी 33 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी : सिसोदिया
इसके अलावा डिप्टी सीएम ने कहा, दिल्ली सरकार अपने विभागों और एजेंसियों के लिए बजट आवंटन का रोजगार संबंधी लेखा परीक्षण करेगी। उन्होंने कहा, राजधानी में स्मार्ट शहरी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, इसे पूसा संस्थान के सहयोग से जन आंदोलन में बदला जाएगा जिससे 25 हजार नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। सिसोदिया ने कहा, दिल्ली बाजार पोर्टल दुकानदारों को उपभोक्ताओं से जोड़ेगा तथा गांधी नगर में एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार को कपड़ा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमें अगले पांच साल में खुदरा क्षेत्र में तीन लाख नौकरियां और अगले एक साल में 1.20 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, आगामी पांच साल में दिल्ली में कामकाजी आबादी 33 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी।
बजट की अन्य घोषणाएं
1 –‘रोजगार बाजार’ के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का रखा प्रस्ताव
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का प्रस्ताव रखा जिससे करीब 80 हजार रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इसे दिल्ली के बापरोला इलाके में स्थापित किया जाएगा। वित्त मंत्री का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा, हम दिल्ली के बापरोला में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाएंगे। इससे 80 हजार लोगों के लिए रोजगार अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां भी दिल्ली आने के लिए प्रोत्साहित होंगी। उन्होंने कहा, हमारा रोजगार सृजन के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने का इरादा है। हम दिल्ली में आधार खड़ा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 90 एकड़ में विनिर्माण केंद्र भी बनाएंगे। औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास से छह लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस संक्रमण के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख नौकरियां पैदा की है।
महामारी के शुरू होने के बाद से निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं
सिसोदिया ने इसे ‘रोजगार बजट’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इससे दिल्ली में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार का लगातार आठवां बजट है। उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले सात वर्ष में 1.78 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली, जिनमें से 51,307 लोगों को स्थायी नौकरियां मिली। सिसोदिया ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का लगातार आठवां बजट है और यह ‘‘रोजगार बजट’’ है। उन्होंने कहा, मैं रोजगार सृजन और लोगों को कोविड-19 के प्रभाव से राहत देने का एजेंडा लेकर आया हूं। सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं।
आगामी पांच साल में कामकाजी आबादी 33 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी : सिसोदिया
इसके अलावा डिप्टी सीएम ने कहा, दिल्ली सरकार अपने विभागों और एजेंसियों के लिए बजट आवंटन का रोजगार संबंधी लेखा परीक्षण करेगी। उन्होंने कहा, राजधानी में स्मार्ट शहरी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, इसे पूसा संस्थान के सहयोग से जन आंदोलन में बदला जाएगा जिससे 25 हजार नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। सिसोदिया ने कहा, दिल्ली बाजार पोर्टल दुकानदारों को उपभोक्ताओं से जोड़ेगा तथा गांधी नगर में एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार को कपड़ा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमें अगले पांच साल में खुदरा क्षेत्र में तीन लाख नौकरियां और अगले एक साल में 1.20 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, आगामी पांच साल में दिल्ली में कामकाजी आबादी 33 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी।
बजट की अन्य घोषणाएं
1 –‘रोजगार बाजार’ के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए।
2 –‘दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल’ और ‘दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल’ के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
3 – नगर निकायों को 6,154 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
4 – शिक्षा के लिए 16,278 करोड़ रुपये।
5 – अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर, गलियों और जलापूर्ति के लिए 1,300 करोड़ रुपये।
6 – स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 9,669 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
7 – हल्ला क्लीनिक एवं पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड़ रुपये।
8 – दिल्ली सरकार के अस्पतालों के उन्नयन के लिए 1,900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।