आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उप राज्यपाल वीके सक्सेना पर राज्य सरकार को दरकिनार करते हुए मुकदमों की मंजूरी देने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां राज्य के खिलाफ गंभीर अपराध करने वाले आरोपी असानी से मुक्त हो सकते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनी हुई सरकार मुकदमा चलाने की मंजूरी देती है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ''माननीय उपराज्यपाल के हर मामले में निर्वाचित सरकार को दरकिनार करने के अति उत्साह ने एक संकट की स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें राज्य के खिलाफ गंभीर अपराध करने वाले कई आरोपी छूट सकते हैं।''
धार्मिक भावनाओं को आहत करना
सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को दरकिनार करते हुए 'अवैध अभियोजन मंजूरियां' जारी की हैं।एक अन्य ट्वीट में सिसोदिया ने कहा कि, ''दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 (1) के तहत, कुछ अपराधों के मामले में अभियोजन के लिए राज्य सरकार से वैध मंजूरी एक शर्त है। जिसमें अभद्र भाषा, धार्मिक भावनाओं को आहत करना, घृणा अपराध, राजद्रोह, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना और दूसरों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे अपराध शामिल हैं।''
वैध मंजूरी जारी करने की कार्यकारी शक्ति
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार, चुनी हुई सरकार के पास ही सीआरपीसी के तहत मुकदमा चलाने के लिए वैध मंजूरी जारी करने की कार्यकारी शक्ति है तथा माननीय उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे होंगे।’’